Stone Pelting On Trains: हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की खबरें देश के कई राज्यों में सुनने को मिली है. रेलवे ने इसे लेकर सख्त कदम उठाए हैं. दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) के अधिकार क्षेत्र में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने इस साल अब तक ट्रेनों पर पथराव करने के आरोप में 39 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.


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एससीआर ने मंगलवार को कहा कि इसमें पिछले दो महीनों में वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की 10 घटनाओं के सिलसिले में पकड़े गए छह किशोरों सहित 10 लोगों की गिरफ्तारी शामिल है. एससीआर ने इस तरह की पथराव की घटनाओं में पांच यात्रियों के गंभीर रूप से घायल होने का जिक्र करते हुए जनता से इस तरह की असामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होने की अपील की.


पथराव करना दंडनीय अपराध
दक्षिण मध्य रेलवे ने कहा कि ट्रेनों पर पथराव जैसी गतिविधियां आरपीएफ अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध हैं, एससीआर ने अपराधियों के खिलाफ रेलवे अधिनियम की धारा 153 के तहत कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी, जिसमें 5 साल की तक जेल हो सकती है.


एससीआर के महाप्रबंधक अरुण कुमार जैन ने आम जनता से ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने से बचने की अपील की, जो राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाती हैं और यात्रियों को गंभीर चोट पहुंचाती हैं. एक बयान में, उन्होंने बड़ों से अपील की कि वे अपने बच्चों की काउंसलिंग करें और उन्हें उनकी बचकानी हरकतों के गंभीर निहितार्थों के बारे में शिक्षित करें.


ट्रेनों का बदलना पड़ा समय
एससीआर के मुताबिक, इस तरह की घटनाओं की वजह से ट्रेनों का समय भी बदलना पड़ा है और इससे सभी यात्रियों को असुविधा होती है.


पथराव की घटनाओं में बच्चे भी शामिल
एससीआर ने कहा कि यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि पथराव की कुछ घटनाओं में 6 से 17 वर्ष की आयु के बच्चे भी शामिल हैं. इसलिए, यह समाज में प्रत्येक माता-पिता, शिक्षक और बुजुर्गों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को ऐसी गतिविधियों से दूर रहने के लिए सलाह दें, शिक्षित करें और उनका मार्गदर्शन करें.


आरपीएफ ने उठाए कई कदम
ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए, आरपीएफ कई कदम उठा रहा है, जिसमें जागरूकता अभियान और पटरियों के पास के गांवों के सरपंचों के साथ संपर्क और उन्हें ग्राम मित्र बनाना शामिल है. इसके अलावा, सभी पथराव वाले ब्लैक स्पॉट्स पर कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है, जिन्हें ऐसी कोई घटना होने पर सूचित किया जा सकता है. बयान में कहा गया है कि जो लोग ऐसी घटनाओं को देखते हैं, उनसे अनुरोध है कि आरपीएफ द्वारा तत्काल कार्रवाई के लिए 139 डायल करके इसकी सूचना दें.


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