Vibrations on moon: विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर कंपन रिकॉर्ड किया है. विक्रम ने अपने रिसर्च के दौरान चांद की सतह पर करीब पांच सेकेंड के लिए कंपन दर्ज किया गया है. चंद्रमा पर आए इस कथित 'भूकंप' (Earthquake) को लेकर इसरो ने कहा है कि चंद्रमा पर इस प्राकृतिक घटना को रिकॉर्ड किया गया है. इसको लेकर प्रज्ञान रोवर और अन्‍य पेलोड ने भी इसरो को डाटा भेजा है और अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जांच की जा रही है.


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लैंडर में लगे ILSA (इंस्ट्रुमेंट फॉर लूनर सीस्मिक एक्टिविटी) ने 26 अगस्त 2023 को करीब 5 सेकंड तक चले इस कंपन को दर्ज किया था. हालांकि ISRO इस चन्द्र कंपन के कारणों का शोध कर रहा है. क्योंकि चन्द्रमा की सतह पर उल्कापिंड गिरने से लेकर भूगर्भीय गतिविधियों के कारण ही भूकम्प आते हैं. इतना ही नहीं, स्वदेशी ILSA इतना संवेदनशील है कि इसने 25 अगस्त 2023 को प्रज्ञान रोवर की चहलकदमी से चांद की जमीन पर हुए कंपन को एकदम सही तरीके से दर्ज किया है.


ऐसा प्राकतिक घटनाक्रम जिससे दुनिया थी अनजान?


इसरो ने कहा कि चंद्र भूकंपीय गतिविधि (ILSA) पेलोड ने एक घटना को रिकॉर्ड किया जो प्राकृतिक प्रतीत होती है. विक्रम लैंडर द्वारा पता लगाया गया यह पूरा घटनाक्रम चंद्रमा की सतह पर भूकंप की संभावना का संकेत देती है, हालांकि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा क्योंकि इसकी अभी जांच चल रही है. इसरो ने कहा, 'इसके अतिरिक्त, इसने 26 अगस्त, 2023 को जिस प्राकृतिक घटना को रिकॉर्ड किया है. उसके स्रोत की जांच की जा रही है.'



चंद्रयान 3 की कामयाबी का अबतक का अपडेट


चंद्रयान 3 अच्छी तरह से काम कर रहा है. चंद्रयान 3 को चांद पर लैंड किए आज 10वां दिन हैं. इस दौरान चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह से कई अहम जानकारियां भेजी हैं. इसमें सबसे प्रमुख है चंद्रमा की सतह पर तापमान के बारे में भेजी गई सूचना है. आपको बताते चलें कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला भारत चौथा देश है. इससे भी अहम बात यह है कि यह सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कराई गई है और ऐसा करने वाला भारत पहला देश है.


प्रज्ञान की शानदार मूवमेंट


इसके अलावा रोवर प्रज्ञान का चांद पर अभी तक का मूवमेंट बहुत ही स्मूद रहा है. उसने अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी भांप लिया और समय रहते रास्ता भी बदल लिया था. 27 अगस्त को प्रज्ञान ने यह कारनामा किया था. यानी प्रज्ञान भी अच्छी तरह से काम कर रहा है और सोलर एनर्जी से चल रहा है. उम्मीद है कि 6 पहियों वाला यह रोवर चंद्रमा पर उस वक्त तक काम करेगा, जब तक दक्षिणी ध्रुव पर सूर्य की किरणें पहुंच रही हैं. 


चंद्रमा पर क्या-क्या मिला?


चांद पर अबतक क्या-क्या मिला? इसकी बात करें तो भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने एक ग्राफ के माध्यम से चंद्र सतह पर मिले कुछ तत्वों के बारे में बताया है. इसरो के मुताबिक, चंद्र सतह पर सल्फर (S), कैल्शियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr) और टाइटेनियम (Ti) की मौजूदगी का पता चला है. आगे के मेजरमेंट्स से मैंगनीज (Mn), सिलिकॉन (Si) और ऑक्सीजन (O) की उपस्थिति का पता चला है. वहीं हाइड्रोजन की मौजूदगी के संबंध में गहन जांच जारी है.