त्रिपुरा में उपद्रव जारी, लेनिन की एक और मूर्ति तोड़ी
चुनावी नतीजों के बाद भड़की त्रिपुरा में हिंसा आज भी जारी रही. हिंसा के लिए बीजेपी और सीपीएम, दोनों ही दल एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
नई दिल्लीः त्रिपुरा में चुनावी नतीजे आने के बाद राज्य में भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार की शाम त्रिपुरा के बेलोनिया में रूसी क्रांतिकारी व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति गिरा दिया गया. मूर्ति गिराए जाने के बाद त्रिपुरा के 13 जिलों में हिंसा फैल गई. मूर्ति गिराए जाने की घटना पर देशभर में जमकर राजनीति हो रही है. मंगलवार की शाम को एक अन्य स्थान पर लेकिन की एक और मूर्ति गिरा दी गई. यह घटना दक्षिणी त्रिपुरा के सबरूम मोटर स्टैंड इलाके में हुई. राज्य में हिंसा के लिए सीपीएम और बीजेपी, दोनों ही दल एकदूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
बुलडोजर से ढहाई मूर्ति
त्रिपुरा के बेलोनिया कॉलेज स्क्वायर में लगी व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा को भारत माता के नारों के बीच ढहाया गया. इस मूर्ति को 2016 में लगाया गया था. बुलडोजर लगाकार इस मूर्ति को गिराया गया. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है. वाम दलों ने आरोप लगाया है कि मूर्ति तोड़ने के पीछे बीजेपी कार्यकर्ताओं का हाथ है.
गृहमंत्री ने लिया जायजा
इस घटना के बाद त्रिपुरा के कई इलाकों में हिंसा भड़क गई है. वाम दलों के कार्यालयों में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की गई. प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है. राज्य के हालात पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आला अधिकारियों से बात की.
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हिंसा की आलोचना
सीपीआई (एम) ने चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में छिटपुट हिंसा और संघर्ष की आलोचना की है. सीपीएम के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि इस तरह की हिंसा का हम कड़ा विरोध करते हैं. ये लोकतंत्र में स्वीकार नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी को जीत मिलती है तो किसी को हार. इसका मतलब ये नहीं कि वे लेनिन की मूर्ति गिराने जैसी तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं करने पर उतर आएं.
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सीपीएम के गंभीर आरोप
सीपीएम के प्रदेश सचिव बिजन धन ने बताया कि सोमवार तक उनके 514 कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की जा चुकी है. 1539 घरों में तोड़फोड़ हुई है और 196 घरों में आग लगा दी गई. पूरे प्रदेश में पार्टी के 134 दफ्तरों में जमकर तोड़फोड़ हुई है और 64 ऑफिसों को आग के हवाले कर दिया गया. सीपीएम के 208 दफ्तरों पर बीजेपी के लोगों ने कब्जा कर लिया है.