Weather Update 28 February 2024: मार्च का महीना शुरू होने वाला है, लेकिन इससे पहले मौसम ने करवट ली है और लोगों को एक बार फिर ठंड का अहसास होने लगा है. इस बीच मौसम विभाग ने कई राज्यों में एक से तीन मार्च तक बारिश के साथ ओलावृष्टि की चेतावनी दी है. इसके साथ ही पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी भी हो सकती है, जिससे तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस और नीचे जा सकता है. हालांकि, दूसरे सप्ताह से मौसम साफ हो जाएगा और धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी.


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दिल्ली-एनसीआर में हो सकती है हल्की बारिश


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में बादल छाए हुए हैं और कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. इससे पहले मंगलवार सुबह बादल छाने की वजह से तापमान में कुछ डिग्री का इजाफा हुआ और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. हालांकि, दिन के समय कुछ इलाकों में हुई हल्की बारिश के बाद शाम को एक बार फिर ठंड बढ़ गई. इससे पहले सोमवार को न्यूनतम तापमान 9.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री कम है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार की सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 173 दर्ज किया गया जो 'मध्यम' श्रेणी में है.


एक से तीन मार्च तक इन राज्यों में हो सकती है बारिश


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की भविष्यवाणी के अनुसार, एक से तीन मार्च के बीच पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, असम, मेघालय, नगालैंड और मणिपुर में गरज के साथ बारिश हो सकती है. हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओलावृष्टि की आशंका है. इसके साथ ही पहाड़ी राज्य जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बारिश के साथ बर्फबारी भी हो सकती है.


जम्मू-कश्मीर में आज भी हो सकती है भारी बारिश और बर्फबारी


जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को भारी बारिश और बर्फबारी देखने को मिली और यह आज भी जारी रह सकता है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने 3 मार्च तक घाटी में खराब मौसम की संभावना जताई है. मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से आगामी 24 घंटे में जम्मू-कश्मीर में बारिश और भारी बर्फबारी की संभावना है. इस बीच किसानों को 3 मार्च तक अपनी कृषि गतिविधियों पर विराम लगाने का सुझाव भी दिया गया है. बता दें कि पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर या कैस्पियन सागर में आने वाला एक अतिरिक्त उष्णकटिबंधीय तूफान है जो भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में बारिश/बर्फबारी का कारण बनता है.


किसानों को हो सकता है भारी नुकसान


बेमौसम बारिश और ओला गिरने से किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. ओलावृष्टि की वजह से गेहूं, प्याज, ज्वार और चना जैसे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. इसके सात ही आम और नींबू के पेड़ों को भी नुकसान हो सकता है. पिछले दिनों हुई बारिश के बाद भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था और इस वजह से सब्जियों को नुकसान पहुंचा था और बाजार में सब्जियां महंगी हो गई थीं.