Ayushman card scheme: पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्य सरकार से अपील की है कि वो अपने राज्य में केंद्र की आयुष्मान कार्ड योजना को लागू करे. इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों को कार्ड दिखाने के बदले में राज्य के किसी भी अस्पताल में 5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिल सकता है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दिल्ली ने अपने अपने यहां इस योजना को लागू नहीं किया है. दोनों राज्यों के मुताबिक उनकी अपनी स्कीम्स गरीबों के इलाज के लिए पहले से चल रही हैं और इस योजना की जरुरत उन्हें नहीं है.  


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बंगाल में 10 हजार से ज्यादा वेलनेस सेंटर


हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि पश्चिम बंगाल में 10 हजार से ज्यादा वेलनेस सेंटर हैं जिन पर अब तक 16 करोड़ मरीज लाभ उठा चुके हैं और 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को टेली कंसल्टेशन से फायदा मिला है. इसके अलावा कई और सब सेंटर और हेल्थ सेंटर के लिए बजट मंजूर किया गया है. जैसे 288 करोड़ की लागत से 800 सब सेंटर और 400 से ज्यादा नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाए जाने को मंजूरी दी गई है. 


टीबी की चुनौती बनी सिरदर्द 


पश्चिम बंगाल में टीबी और सिकल सेल एनिमिया के हालात पर भी स्वास्थय मंत्री ने जानकारी हासिल की है. दुनिया के कुल मरीजों में से एक तिहाई से ज्यादा टीबी मरीज अकेले भारत में हैं. दुनिया भर से टीबी पर लगाम लगाने और भारत को टीबी मुक्त करने का बहुत दबाव है. टीबी एक से दूसरे को फैलने वाली बीमारी है और अगर दुनिया के किसी भी देश में टीबी मरीज मौजूद है तो खतरा पूरे विश्व के लिए है. इसलिए भारत ने 2024 तक टीबी मुक्त होने का लक्ष्य रखा है जो एक बहुत बड़ी चुनौती है.