German Chancellor Olaf Scholz India Visit: जर्मनी के फॉस्टर होम में रहने वाली भारतीय बच्ची अरिहा शाह का मामला शुक्रवार को जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के दौरान भी उठाया गया. पीएम मोदी और भारत यात्रा पर आए जर्मन चांसलर के बीच बैठक के बारे में बताते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ये जानकारी भी दी.


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चर्चित अरिहा शाह के मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने क्या कहा?


चर्चित अरिहा शाह के मामले पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "जर्मनी में पालक के रूप में रह रही अरिहा शाह के मामले पर हमने विभिन्न स्तरों पर बहुत बारीकी से नज़र रखी है. बर्लिन में हमारे दूतावास ने इस मुद्दे को जर्मन पक्ष के समक्ष उठाया है. जब विदेश मंत्री एस जयशंकर जर्मनी में थे, तो उन्होंने अपने समकक्ष के समक्ष इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया था. मैं पुष्टि कर सकता हूं कि आज की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया."


बारीकी से नज़र रख रहे हैं... जर्मन चांसलर ने पीएम मोदी को आश्वासन दिया


विक्रम मिस्री ने आगे कहा, "हमने जर्मन पक्ष को यह समझाया है कि एक भारतीय बच्चे का ऐसे माहौल में बड़ा होना जो उसके धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई माहौल से अलग हो, स्वाभाविक नहीं है. जर्मन चांसलर ने प्रधानमंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. मुझे यकीन है कि दोनों पक्ष कई चैनलों के माध्यम से संपर्क में बने रहेंगे."



भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा था, हर संभव प्रयास जारी


इससे पहले भारत में जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा था कि जर्मन अधिकारी भारत के विदेश मंत्रालय और युवा अधिकारियों के साथ मिलकर तीन वर्षीया अरिहा शाह के मामले का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि जर्मनी से अरिहा को वापस लाने का मुद्दा उच्चतम स्तर पर हल किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही इस बारे में सकारात्मक चीजें होंगी.


जर्मनी की सरकार बच्ची के भविष्य को ध्यान में रखकर उचित कदम उठाएगी


जर्मन राजदूत ने कहा था कि चूंकि बच्ची जर्मन निवासी है. इसलिए जर्मनी की सरकार बच्ची के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाएगी. उन्होंने कहा था, 'इस सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को देखने के लिए पालक माता-पिता की ओर से हमारी स्पष्ट प्रतिबद्धता है, और इस आधार पर हम बच्चे के भविष्य के लिए एक संतोषजनक समाधान खोजने के लिए काम करना जारी रखेंगे. इसलिए, इसे उच्चतम स्तर पर उठाया जा सकता है. मुझे लगता है कि मेरी सरकार इसके लिए तैयार है.' 


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क्या है अरिहा शाह का मामला? 36 महीने से जर्मनी के फॉस्टर होम में ठिकाना


माता-पिता की ओर से शारीरिक टॉर्चर के आरोपों के बाद अरिहा शाह बीते 36 महीनों से जर्मनी में केयरटेकर की देखभाल में फॉस्टर होम में है. अरिहा शाह के माता-पिता भावेश शाह और धारा शाह महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मीरा भयंदर के रहने वाले हैं. वे अपनी बेटी अरिहा शाह को वापस लाने के लिए संघर्ष रहे हैं. संसद में अरिहा शाह का मामला उठाने वाले ठाणे के सांसद नरेश म्हास्के ने अगस्त  में बताया था कि बच्ची की जल्द वापसी के लिए विदेश मंत्रालय लगातार प्रयास कर रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 16 अगस्त को म्हास्के को लिखे पत्र में सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी. 


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