अनुभव सिन्हा की IC 814: The Kandahar Hijack वेब सीरीज काफी चर्चा में है. प्रशंसा के साथ कुछ सीन और शब्दों पर विवाद भी हुआ. भावनाओं के ज्वार को देखते हुए नेटफ्लिक्स ने आतंकियों के असली और कोड नेम को स्पष्ट करते हुए डिस्क्लेमर में अपडेट किया है. वैसे, इस विवाद से इतर देखें तो प्लेन हाईजैक होने के बाद अंदर के सीन को बड़े ही रोमांचक अंदाज में फिल्माया गया है. हालांकि फिल्म में 2-3 बार एक विदेशी गोरे आदमी पर कैमरा गया लेकिन उसका ज्यादा जिक्र नहीं हुआ. उस प्लेन में ज्यादातर भारतीय थे तो एक सवाल मन में उठना लाजिमी है कि वो गोरा कौन था? 


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प्लेन में कौन था वो गोरा आदमी


वेब सीरीज प्लेन के कैप्टन देवी शरण की किताब पर आधारित है. 8 दिन तक इंडियन एयरलाइंस का प्लेन आतंकियों के कब्जे में रहा था. एक बार वेब सीरीज में कुछ देर तक फोकस उस गोरे इंसान पर रहता है. वह टॉयलट की बदबू से परेशान होकर बिजनस क्लास में सीट मांग रहा था. हथियार लिए आतंकियों ने उसे धमकाया. हालांकि फिल्म में उसका नाम जाहिर नहीं किया गया. 'बिजनस इनसाइडर' की रिपोर्ट के मुताबिक वह गोरा शख्स Roberto Giori था. वह आईसी 814 प्लेन का एक स्पेशल पैसेंजर था. 


आतंकियों की रिहाई में बड़ा रोल?


ऐसा माना जाता है कि भारतीय जेलों से तीन खूंखार आतंकियों को रिहा करने के लिए भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने में इस गोरे शख्स की भी एक बड़ी भूमिका रही होगी. TIME ने घटना के बाद 2000 में एक रिपोर्ट में बताया था कि रॉबर्टो जियोरी एक स्विस-इतालवी व्यवसायी थे जिनका ग्लोबल फाइनेंस में काफी प्रभाव था. ऐसे में इस क्राइसिस में एक नया आयाम जुड़ता है. उस समय वह De La Rue Giori ब्रिटिश फर्म के ओनर थे. जिसका दुनिया के करेंसी प्रिंटिंग के बिजनस में 90 प्रतिशत कंट्रोल था. इस लिहाज से देखें तो वह हाई-प्रोफाइल बंधक थे. 


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रॉबर्टो साथी क्रिस्टीना कैलाब्रेसी के साथ काठमांडू से छुट्टियां बिताकर लौट रहे थे और प्लेन को हरकत-उल-मुजाहिदीन के पांच आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. 8 दिन के उस हाइजैकिंग पीरियड में आतंकी भारत सरकार से 200 मिलियन डॉलर की डिमांड कर रहे थे. टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों को ये अंदाजा ही नहीं था कि बंधकों में से ही कोई ऐसा है जो बड़ी आसानी से उन्हें इतनी बड़ी रकम का चेक दे सकता है. 


प्लेन हाईजैक होने के बाद सभी यात्री डरे हुए थे. आतंकियों ने उस गोरे यात्री के साथ कोई अलग बर्ताव नहीं किया. उन्हें भी प्रताड़ित किया था क्योंकि वे उस शख्स के बारे में बिल्कुल नहीं जानते थे. 


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स्विस सरकार ने भेजा था दूत


हालांकि रॉबर्टो उस प्लेन में हैं यह बात स्विट्जरलैंड सरकार को पता थी. ऐसे में एक दिलचस्प घटनाक्रम हुआ. बताया जाता है कि स्विट्जरलैंड ने कंधार में एक विशेष दूत भेजा था. 'बिजनस इनसाइडर' की रिपोर्ट के मुताबिक उस दूत ने भारत सरकार पर रॉबर्टो को सुरक्षित बचाने के लिए दबाव भी डाला. हालांकि इस कूटनीतिक प्रेशर या कहें कि हस्तक्षेप के बारे में ज्यादा बातें नहीं हुईं लेकिन इसने पहले से चल रही गंभीर चर्चा में एक और एंगल जोड़ दिया था. 


सात दिनों के तनावपूर्ण गतिरोध के बाद भारत सरकार ने सभी बंधकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मसूद अजहर सहित तीन आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया. बाद में रॉबर्टो ने इस घटना को लाइफ-चेंजिंग इवेंट कहा था. उन्होंने कहा था कि आतंकियों की तैयारी और मंशा असल और वैश्विक खतरे की याद दिलाती है. 


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एक जगह रॉबर्टों ने यह भी कहा था कि प्लेन में जो कुछ हुआ, उसने उन्हें हमेशा के लिए बदल दिया. उन्होंने कहा था कि वह हिंदू धर्म के तहत भारतीयों के भाग्य मानने के सिद्धांत को नहीं समझते थे लेकिन जिस तरह प्लेन में यात्री शांत रहे. यहां तक कि बच्चे भी खामोश रहे यह अनुकरणीय था क्योंकि अगर प्लेन में इतालवी या फ्रांसीसी लोग होते तो बिल्कुल अलग स्थिति होती. 


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