Anubhav Sinha की IC 814 Kandahar Hijack वेब सीरीज पर बवाल मचा हुआ है. सोशल मीडिया पर लोग गुस्सा जता रहे हैं कि मुस्लिम अपहरणकर्ताओं के हिंदू नाम क्यों दिखाए गए. यहां पढ़िए सच्चाई क्या था, भोला और शंकर कौन थे जिनका नाम अगवा प्लेन में पुकारा जाता है.
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कंधार हाईजैक पर एक वेब सीरीज पिछले दिनों ओटीटी पर रिलीज हुई. काफी लोगों ने इसे पसंद किया तो कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर आतंकियों के हिंदू नाम दिखाए जाने को लेकर जबर्दस्त विरोध जताया. डायरेक्टर अनुभव सिन्हा को टैग कर सुनाया जाने लगा. पिछले 36 घंटे से ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर #BoycottBollywood ट्रेंड कर रहा है. ज्यादातर लोग एक ही जैसी बातें लिख रहे हैं, 'विमान हाईजैक किया जिहादियों, आतंकियों, मुस्लिमों ने लेकिन वेब सीरीज ने नाम बता दिए हिंदुओं के.' कई तरह के तंज किए जाने लगे. जो लोग ये सवाल लिख रहे हैं, उनमें से कुछ ऐसे भी हैं जिनका जन्म इस घटना के बाद हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि सच्चाई क्या है? भाजपा ने भी फिल्ममेकर अनुभव सिन्हा को ही कठघरे में खड़ा किया है.
वो पांच आतंकी कौन थे?
आप गूगल करेंगे तो बड़ी आसानी से पता चल जाएगा कि 6 जनवरी 2000 को गृह मंत्रालय की तरफ से उन अपहरणकर्ताओं के असली नाम पते के साथ सार्वजनिक किए गए थे.
1. Ibrahim Athar, Bahawalpur (इब्राहिम अख्तर, बहावलपुर)
2. Shahid Akhtar Sayed, Gulshan Iqbal, Karachi (शाहिद अख्तर सईद, गुलशन इकबाल, कराची)
3. Sunny Ahmed Qazi, Defence Area, Karachi (सनी अहमद काजी, डिफेंस एरिया, कराची)
4. Mistri Zahoor Ibrahim, Akhtar Colony, Karachi (मिस्त्री जहूर इब्राहिम, अख्तर कॉलोनी, कराची)
5. Shakir, Sukkur City (शाकिर, सुक्कुर सिटी)
फिर हिंदू नाम शंकर और भोला कहां से आया?
हां, यह सुनकर ही सोशल मीडिया पर लोगों का खून खौलने लगा है पर जरा रुकिए. अगर वेब सीरीज किसी सच्ची घटना पर बनी है तो आपको समझना चाहिए कि उसका कुछ सोर्स रहा होगा. वेब सीरीज के हर एपिसोड के शुरुआत में ही बताया गया है कि IC 814: The Kandahar Hijack Story हाईजैक किए गए प्लेन के कैप्टन देवी शरण की किताब पर आधारित है. किताब आए 24 साल हो गए हैं, हजारों लोगों ने खरीदकर पढ़ा भी होगा लेकिन तब सवाल नहीं उठे.
अब आप यह जान लीजिए कि काठमांडू से जो प्लेन दिल्ली आ रहा था उसमें बैठे लोगों को भरमाने के लिए आतंकियों ने अपने कोडनेम बनाए थे, जिसका इस्तेमाल फिल्म में किया गया है. जैसे- चीफ, डॉक्टर, बर्गर या बर्जर, भोला और शंकर. आखिर के दो नामों पर कई हिंदुओं ने आपत्ति जताई. ऐसा आतंकियों ने सिर्फ और सिर्फ अपनी असली पहचान छिपाने के लिए किया था. किताब में ऐसा ही लिखा है. इससे यह साबित होता है कि भोला और शंकर जैसे हिंदू नाम वेब सीरीज में जानबूझकर नहीं दिए गए थे बल्कि आतंकियों की मंशा यही थी और किताब में भी यही लिखा है.
दूसरी किताब में भी प्रूफ
फिर भी जिन लोगों ने किताब नहीं पढ़ी होगी, वे शायद न मानें. इसके लिए एक और किताब के पन्ने खंगाले गए. IC 814 Hijacked: The Inside Story किताब अनिल के. जगिया ने लिखी है. वह उस हाईजैक प्लेन में फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर मौजूद थे. इस किताब के पन्ने पढ़ते हुए हम उस पैराग्राफ में पहुंचे जहां साफ शब्दों में बर्जर को स्लिम, 6 फीट लंबा और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला बताया गया है. डॉक्टर चश्मा पहने हुए था और उसकी हाइट 5 फीट 8 इंच रही होगी. शंकर 6 फीट से भी ज्यादा लंबा था. वह बहुत कम बोलता था. सेना के कमांडिंग ऑफिसर का आदेश मानने की तरह रीएक्ट करता था. भोला की ऊंचाई 5 फीट 7 इंच रही होगी. उसकी जबान में कश्मीरी पुट था. वह यात्रियों से काफी अभद्र तरीके से व्यवहार करता था. गौर करने वाली बात यह है कि किताब लिखने वालों और आम यात्रियों को वही नाम पता था जो वे बोल रहे थे.
Review: आईसी 814 कंधार हाईजैक की कहानी तो आपको पता होगी लेकिन फील अब आएगा
आखिर में सोशल मीडिया पर बिना कुछ सोचे-समझे लिखने से पहले यह समझना होगा कि वे आतंकी थे उनका मकसद प्लेन हाईजैक करना था. ऐसे में वे अपने बारे में जानकारी साझा करते तो उनका आंतकी प्लान खराब हो सकता था. भारतीय एजेंसियां इंटरसेप्ट करतीं तो उनका प्लान चौपट होना तय था.
The hijackers of IC-814 were dreaded terrorists, who acquired aliases to hide their Muslim identities. Filmmaker Anubhav Sinha, legitimised their criminal intent, by furthering their non-Muslim names.
Result?
Decades later, people will think Hindus hijacked IC-814.
Left’s…
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 1, 2024
भाजपा ने क्या कहा
उधर, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी आतंकियों के हिंदू नाम दिखाए जाने पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि आतंकियों ने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए अलग नाम रख लिए थे. अब फिल्ममेकर अनुभव सिन्हा ने गैर मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाते हुए आतंकियों की आपराधिक मंशा को वैध कर दिया है. इसका नतीजा क्या होगा? दशकों बाद लोगों को लगेगा कि हिंदुओं ने ही प्लेन हाईजैक किया था.