First April: क्यों मनाया जाता है अप्रैल फूल डे, नहीं मालूम होगी आपको इसके पीछे की ये कहानी
April Fool Day: अप्रैल फूल का मतलब दूसरों को मूर्ख बनाना नहीं है. इस दिन की शुरुआत सैकड़ों वर्ष पहले हुई थी. इसकी शुरुआत 1686 में यूके के बायोग्राफर जॉन औबेरी ने की थी. वे इसे फूल्स हॉलीडे के तौर पर मनाते थे. इसके कुछ साल बाद 1698 में लोगों को अफवाह फैलाकर टावर आफ लंदन में जमा किया गया.
April Phool: फर्स्ट अप्रैल को अप्रैल फूल के नाम से भी जानते हैं. इस दिन को मूर्ख दिवस भी कहते हैं. इस दिन हम लोग एक दूसरे को मूर्ख बनाकर उनका मजाक उड़ाते हैं. लेकिन ऐसा हम लोग क्यों करते हैं ये किसी को नहीं मालूम. जिसने जिस को मूर्ख बना दिया उस पर हंस लेते हैं, जबकि अप्रैल फूल का इससे कोई लेना-देना नहीं है. अप्रैल महीने की 1 तारीख को ये मनाया जाता है. आज हम आपको इसके पीछे की सही कहानी बताएंगे.
सैकड़ों वर्ष पहले हुई थी इसकी शुरुआत
अप्रैल फूल का मतलब दूसरों को मूर्ख बनाना नहीं है. इस दिन की शुरुआत सैकड़ों वर्ष पहले हुई थी. इसकी शुरुआत 1686 में यूके के बायोग्राफर जॉन औबेरी ने की थी. वे इसे फूल्स हॉलीडे के तौर पर मनाते थे. इसके कुछ साल बाद 1698 में लोगों को अफवाह फैलाकर टावर आफ लंदन में जमा किया गया. उन्हें कहा गया कि वहां से वह दुनिया से खत्म होते शेर को देख पाएंगे. लोग आए और ऐसा कुछ नहीं हुआ. अगले दिन अखबार में इस झूठ का पर्दाफाश किया गया. तब से दुनिया में 1 अप्रैल को झूठ बोलकर लोगों को मूर्ख बनाया जाने लगा है.
फ्रांस में जहर देने का करते हैं मजाक
फ्रांस में लोग खाने में जहर देने का झूठा मजाक करते हैं और लोगों को डराते हैं. पहले तो लोगों को ये मजाक ना पसंद था लेकिन कुछ समय बाद इसे गुडलक से जोड़ दिया गया. ग्रीस में माना जाता है कि अगर आपको अप्रैल फूल बनाया गया है तो साल भर आपके पास गुड लक रहेगा. वहीं, अमेरिका में 1 अप्रैल को बारिश होना बहुत शुभ माना जाता है. यहां लाेग इस दिन का बेसबरी से इंतजार करते हैं.
मनोरंजन के तौर पर मनाते हैं लोग
इस दिन को अगर मनोरंजन के तौर पर मनाया जाए तो काफी अच्छा होता है लेकिन कभी-कभी मजाक का स्तर इतना बढ़ जाता है कि ये खतरनाक हो जाता है. इसलिए लोग इसे अधिकतर अपने दोस्तों यारों के साथ ही बनाते हैं. मजाक करने का मतलब मू्र्ख बनाना बिल्कुल नहीं है.
हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - सबसे पहले, सबसे आगे