कोरोना का नया वैरिएंट डेल्टा से भी ज्यादा घातक क्यों? क्या वैक्सीन भी है बेअसर
Covid-19 New Variant: कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका की उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. कोरोना के नए वैरिएंट ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है. दुनियाभर के कई देशों में अलर्ट जारी किया गया है.
नई दिल्ली: कोविड-19 (Coronavirus) महामारी और 18-20 महीनों के लॉकडाउन (Lockdown) के बाद दुनिया फिर से खुल गई है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में पाए गए कोरोना वायरस (Coronavirus) के एक नए वैरिएंट- बी.1.1.1.529 ने एक बार फिर से चिंताएं बढ़ा दी है. इस नए वैरिएंट (New Variant) ने वैज्ञानिकों को और दुनियाभर में लोगों को फिर से चिंतित कर दिया है क्योंकि जानकारों को लगता है कि ये डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा तेज रफ्तार से फैलता है और ये वैक्सीन को चकमा दे सकता है. यानी इस पर वैक्सीन बेअसर है.
इस देश में हुई कोरोना के नए वैरिएंट की पहचान
इस सप्ताह पहली बार इस वैरिएंट की पहचान दक्षिण अफ्रीका में हुई. ये स्ट्रेन बोत्सवाना सहित आसपास के देशों में फैल गया है. यहां पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोग भी इससे संक्रमित हो गए हैं. बोत्सवाना में चार और दक्षिण अफ्रीका में 100 से अधिक मामलों को इस नए वायरस से जोड़कर देखा गया है. कोरोना के नए वैरिएंट का नाम बी.1.1.529 है जिसे 'बोत्सवाना वैरिएंट' भी कहा जा रहा है. आपको इस घातक सुपर कोविड वैरिएंट के बारे में जानना चाहिए, जिसने ब्रिटेन, इजराइल, इटली और सिंगापुर सहित कई देशों को दक्षिण अफ्रीका और इस क्षेत्र के अन्य देशों से यात्रा को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर किया है.
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चिंता का विषय बना कोरोना का नया वैरिएंट
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, 'बी.1.1.1.529' वैरिएंट में ज्यादा म्यूटेशन होता है, विशेष रूप से एक गंभीर तीसरी लहर के बाद, जो डेल्टा वैरिएंट द्वारा संचालित थी. कई म्यूटेशन इम्यून इवेसन और ट्रांसमिसिबिलिटी के लिए चिंता का विषय हैं.
क्यों खतरनाक है कोरोना का नया वैरिएंट?
बी.1.1.1.529 अपने स्पाइक प्रोटीन में उच्च संख्या में म्यूटेट करता है, जो मानव शरीर में कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बी.1.1.1.529 वैरिएंट में कुल मिलाकर 50 म्यूटेशन हैं, जिसमें अकेले स्पाइक प्रोटीन पर 30 से अधिक म्यूटेशन शामिल हैं जो कि अधिकांश वर्तमान कोविड टीकों का लक्ष्य है.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि नए वैरिएंट के प्रभाव को समझने में कुछ सप्ताह लगेंगे. वैज्ञानिकों ने कहा है कि ये अब तक का सबसे भारी म्यूटेट वेंरिएंट है, जिसका मतलब है कि टीके, जो चीन में वुहान से मूल तनाव का इस्तेमाल करके डिजाइन किए गए थे, हो सकता है कि वे उतने प्रभावी न हों. डब्ल्यूएचओ ने बी.1.1.529 पर चर्चा करने और ये तय करने के लिए एक बैठक बुलाई है कि क्या इसे आधिकारिक तौर पर चिंता का एक प्रकार नामित किया जाएगा.
इस सप्ताह पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पहचाना गया, ये स्ट्रेन बोत्सवाना सहित आसपास के देशों में फैल गया है. इजराइल ने 'मलावी से लौटे एक व्यक्ति में' बड़ी संख्या में म्यूटेशन के साथ एक कोविड-19 वैरिएंट के मामले की पहचान की है. हॉन्ग कॉन्ग में दो मामलों का पता चला है. भारत ने दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना और हांगकांग के यात्रियों की कठोर जांच का आह्वान किया है.
(इनपुट- आईएएनएस)
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