Thinking Of Earning Money Through Work From Home: घर बैठकर पैसे कमाना किसका सपना नहीं होता. खासकर बेरोजगार नौजवानों की आज कल पहली पसंद ही ऐसी नौकरी है जिसमें ऑफिस जाए बगैर ही घर में बैठकर काम करने से कमाई हो जाए. लोगों की इसी चाहत का फायदा कुछ शातिर ठग उठा रहे हैं, जो अलग-अलग सॉफ्टवेयर के जरिए यूट्यूब पर 'FREELANCER.COM' नाम से इश्तेहार देते और सॉफ्टवेयर से जुड़े काम करने का लालच देते हैं. लोगों का भरोसा जीतने के लिए बाकायदा बोली लगाने के लिए बोला जाता है और सबसे कम बोली लगाने वाले आवेदनकर्ता को चुन लिया जाता है. इसके बाद चुने गए व्यक्ति को अलग-अलग तरह की फीस भरने को कहा जाता है, जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस, प्रोसेसिंग फीस, इंटरनेशनल बैंक ट्रांसेक्शन चार्ज, फॉरेन एक्सचेंज कन्वर्जन चार्ज वगैरा को इस भरोसे के साथ जमा कराने को कहा जाता है कि ये जमा कराने के बाद उनका पैसा (Money) उनके अकाउंट में भेज दिया जाएगा. 


साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज


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शातिर ठग लोगों का भरोसा जीतने के लिए उनको विदेशी कंपनियों (Foreign Companies) के नाम से फर्जी ईमेल भेजते हैं. लेकिन जैसे ही व्यक्ति सारी प्रक्रिया पूरी कर देता है, शातिर ठग उस शख्स से संपर्क खत्म कर देते हैं. वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ठगी गई 23 साल की लड़की ने गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल (Cyber Crime Portal) पर एक शिकायत दर्ज करवाई, जिसमें उसने आरोप लगाया कि उसने यूट्यूब पर वर्क फ्रॉम होम करने के इच्छुक लोगों के लिए एक ऐड के रूप में वीडियो देखा था. इसको देखने के बाद उसने फ्रीलांसर ऐप डाउनलोड किया और कम पैसों में काम करने की बिडिंग शुरू कर दी और उसको काम के लिए चुन लिया गया. 


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कैसे करते थे ठगी?


इसके बाद उसकी किसी अज्ञात व्यक्ति से ईमेल के जरिए बात शुरू हो गई. उस व्यक्ति ने काम शुरू करने से पहले कुछ फीस बैंक अकाउंट में जमा कराने को कहा, जिसमें प्रोसेसिंग फीस समेत कई तरह के चार्ज थे. लड़की ने 12,000 रुपए के तौर पर सभी तरह के चार्ज उस अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. साइबर अपराधियों ने लड़की से संपर्क करना एकदम बंद कर दिया. कुछ समय बाद महिला को समझ आया कि वो साइबर ठगी का शिकार हो गई है और उसने गृह मंत्रालय (Home Ministry) के साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई. ये शिकायत दिल्ली के उत्तरी जिला पुलिस को मार्क की गई. मिली शिकायत पर काम करते हुए दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस और मनी ट्रेल के जरिए सबसे पहले उत्तराखंड के उद्धमपुर नगर से 20 साल के तुषार कुमार (Tushar Kumar) उर्फ ह्रितिक को गिरफ्तार किया. तुषार की निशानदेही पर यूपी के बरेली से मोहम्मद अकरम अली (Mohd. Akram Ali) को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके पास से दिल्ली पुलिस ने 1 लैपटॉप, 9 मोबाइल फोन, 25 सिम कार्ड, 1 वाई-फाई राऊटर, 2 आधार बायोमैट्रिक स्कैनर, एक मरुती एसएक्स कार बरामद की है. 


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डीसीपी सागर सिंह ने दी सलाह


दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट पुलिस के डीसीपी सागर सिंह कलसी (Sagar Singh Kalsi) ने ज़ी न्यूज़ को बताया कि इस तरह के साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को किसी भी लुभावनी चीज पर भरोसा नहीं करना चाहिए और अपनी निजी जानकारी को किसी से भी शेयर ना करें. अगर कोई किसी भी तरह से पैसे की मांग करता है तो उसे कोई पैसे ना दें. पुलिस फिलहाल गिरफ्तार किए गए आरोपियों का पुराना इतिहास खंगालने में जुटी हुई है ताकि ये पता लगाया जा सके कि अभी तक इन्होंने कितने लोगों को इस तरह वर्क फ्रॉम होम (WFH) के नाम से चूना लगाया है.


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