सड़कों पर Wrong Side या सुसाइड? बत्तख नियम जानती है तो इंसान क्यों नहीं?
हमने ऐसे बड़े-बड़े Highways तो बना लिए हैं. जिन पर हवाई जहाज भी लैंड कर सकते हैं. इसके बावजूद हम आज तक ट्रैफिक नियमों का पालन करना नहीं सीख पाए हैं.
नई दिल्ली: हमने ऐसे बड़े-बड़े Highways तो बना लिए हैं. जिन पर हवाई जहाज भी लैंड कर सकते हैं. फिर भी इन हाईवेज पर गाड़ी कैसे चलानी चाहिए, ये हमारे देश के लोगों को अब तक समझ नहीं आया है.
रॉन्ग साइड ड्राइविंग ने ले ली 5 लोगों की जान
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर पांच लोगों ने रॉन्ग साइड ड्राइविंग (Wrong Side Driving) की वजह से अपनी जान गंवा दी. ये लोग हरिद्वार से गाजियाबाद अपने घर लौट रहे थे. एक्सप्रेसवे पर उनकी कार की टक्कर रॉन्ग साइड से आ रहे एक ट्रक से हो गई. जिससे कार में बैठे एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई. इस सड़क दुर्घटना (Accident) में ट्रक के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. उस पर Indian Penal Code की धारा 304A, 427, 279 और 338 लगाई गई हैं.
आरोपी पर गैर-इरादतन हत्या का केस
यानी पांच लोगों की जान लेने वाले आरोपी पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही और गाड़ी को नुक़सान पहुंचाने का मामला दर्ज हुआ है. हमें लगता है कि ये सड़क दुर्घटना (Accident) में मारे गए लोगों के साथ किसी मज़ाक के जैसा है. इस मामले में आरोपी रॉन्ग साइड के खतरों से पूरी तरह वाकिफ़ था. इसलिए उस पर इन पांच लोगों की हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए.
आरोपी पर दर्ज होना चाहिए मर्डर केस
केवल इस ट्रक ड्राइवर पर ही नहीं, ऐसे सभी लोगों पर सड़क दुर्घटनाओं (Accident) के मामले में हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए. जो खतरे से वाकिफ होते हुए भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं. हमारे देश में बहुत से लोग रॉन्ग साइड (Wrong Side Driving) गाड़ी चलाने में अपनी शान समझते हैं. ऐसे लोगों को अगर आप कभी टोकेंगे तो उनका जवाब यही होता है कि बस थोड़ा सा ही दूर जाना है या इतना घूम कर कौन आएगा.
वर्ष 2019 में 9 हजार लोगों ने गंवाई जान
अगर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019 में 9 हजार 200 लोगों की मौत रॉन्ग साइड ड्राइविंग (Wrong Side Driving) की वजह से ही हुई थी. वर्ष 2018 में इस वजह से हर दिन 24 लोग मारे गए थे. इसके बावजूद हमारे देश के लोगों को ये आंकड़े डराते नहीं हैं. एक सर्वे के मुताबिक भारत में हर 10 में 9 लोगों ने कभी ना कभी रॉन्ग साइड गाड़ी चलाई है. यानी सड़क पर चलने वाले ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जिनके लिए ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना उनका शौक बन गया है.
जुर्माना बढ़ाने का भी नहीं हुआ कोई असर
केंद्र सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए वर्ष 2019 में Motor Vehicle Act में बदलाव कर रॉन्ग साइड ड्राइविंग पर जुर्माना एक हज़ार से बढ़ाकर पांच हज़ार रुपये कर दिया था. इसके बावजूद ज्यादा जुर्माने का डर भी हमारे देश के लोगों को सही रास्ते पर नहीं ला सका. एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली जैसे शहर में ही हर दिन रॉन्ग साइड ड्राइविंग की 5 हजार से ज्यादा घटनाएं होती हैं. इस हिसाब से सोचिए, पूरे देश में क्या हाल होती होगा.
अजब-गजब तर्क देते हैं नियम तोड़ने वाले
रॉन्ग साइड ड्राइविंग (Wrong Side Driving) के ज्यादातर मामलों में लोगों का कहना होता है कि वे जल्दी पहुंचने के लिए ऐसा करते हैं. वहीं कुछ लोगों का कहना होता है कि वे दूसरों को देख कर रॉन्ग साइड ड्राइविंग शुरू करते हैं. ऐसे लोगों को लगता है कि जब बाकी लोग ऐसा कर रहे हैं तो उनके अकेले नियम पालन करने से क्या हो जाएगा. यही सोच भारत में सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है.
इस दुर्घटना के बाद गाजियाबाद पुलिस ने दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर 10 मार्शल तैनात करने का फ़ैसला किया है. ये मार्शल ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेंगे, जो नियम तोड़ते हैं.
जान लें रॉन्ग साइड ड्राइविंग के ये नियम
अब आपको रॉन्ग साइड ड्राइविंग (Wrong Side Driving) को लेकर नियम बताते हैं. अगर गलत दिशा में ड्राइविंग करते समय ड्राइवर से कोई दुर्घटना (Accident) हो जाए और उसमें किसी की जान चली जाए तो आरोपी पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होता है. वहीं अगर कोई व्यक्ति अपनी सही दिशा में गाड़ी चला रहा हो और उससे एक्सिडेंट होने पर किसी की जान चली जाए तो भी मामला गैर इरादतन हत्या का ही दर्ज होगा. बस ऐसे मामलों में ड्राइवर को कोर्ट से आसानी से ज़मानत मिल जाती है.
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क्या हम पक्षियों से सीख पाएंगे अनुशासन?
दुनिया की पहली मोटर कार वर्ष 1886 में बनी थी. इस बात को 150 साल से ज्यादा का समय हो चुका है. फिर भी इंसान आज तक सड़कों पर नियमों के मुताबिक गाड़ी चलाना नहीं सीख पाया है. ऐसे में आप चाहें तो पक्षियों से कुछ सीख ले सकते हैं. लंदन में में 20 से ज्यादा बत्तख एक लाइन में Zebra Crossing से सड़क पार करती हुई दिखीं. ये अनुशासन आपने इंसानों में शायद ही देखा हो.
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