Rahul Gandhi Lok Sabha First Speech: चुनाव खत्म हो गया... शपथ पूरी हो गई... अब मौका था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का. राहुल गांधी पहली बार संसद में विपक्ष के नेता की भूमिका में थे. पहले ही भाषण में राहुल ने 90 मिनट तक सरकार को एक-एक कर कई मुद्दों पर घेरा.
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Rahul Gandhi Lok Sabha First Speech: चुनाव खत्म हो गया... शपथ पूरी हो गई... अब मौका था राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस का. राहुल गांधी पहली बार संसद में विपक्ष के नेता की भूमिका में थे. पहले ही भाषण में राहुल ने 90 मिनट तक सरकार को एक-एक कर कई मुद्दों पर घेरा. राहुल ने अपने भाषण में 20 से ज्यादा मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा. राहुल ठोस तर्कों के साथ संसद में थे और सरकार पर सीधे और सटीक अंदाज में एक के बाद एक वार करते रहे.
पूरी तैयारी के साथ आए थे राहुल
कभी प्रधानमंत्री उठकर राहुल को जवाब देते तो कभी अमित शाह. कभी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.. कभी कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तो कभी संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू.... राहुल के सवालों का जवाब देने के लिए एक के बाद एक खड़े होते रहे. सत्ता पक्ष एक सवाल का जवाब देता तो राहुल दूसरे सवाल के साथ फिर भाषण की शुरुआत कर देते. उन्होंने हिन्दू, अग्निवीर, किसान, मणिपुर, NEET, बेरोजगारी, नोटबंदी, GST, MSP, हिंसा, भय, धर्म, अयोध्या, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, प्रधानमंत्री और स्पीकर सभी मुद्दों पर सरकार को घेरा.
बीजेपी असली हिंदू धर्म नहीं..
राहुल गांधी ने अपने भाषण में भगवान शिव की तस्वीर लोकसभा में लहराई और हिंदू धर्म का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म में साफ लिखा है कि सदैव सत्य के साथ खड़े रहना चाहिए. राहुल गांधी ने गुरुनानक देव जी के चित्र का भी जिक्र किया. राहुल ने ईसाई धर्म... सिख धर्म से लेकर दूसरे धर्मों तक का उल्लेख किया और कहा कि बीजेपी असली हिंदू धर्म नहीं है. राहुल ने कहा कि हिंदुत्व केवल डर, नफरत और झूठ फैलाना नहीं है.
राहुल के पहले भाषण से मैसेज क्लियर है...
1. संसद में आर-पार के मूड में है कांग्रेस!
राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में अपने संख्या बल के आधार पर कॉन्फिडेंट हैं. पिछले लोकसभा के कार्यकाल के तुलना में खुद को मजबूत स्थिति में देख रहे हैं. राहुल ने सरकार पर वेबजह परेशान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कैसे उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसाया गया. इंडिया के नेताओं को बेवजह जेल में डाला गया. जो लोग सरकार पर सवाल उठाते रहे उनपर मुकदमे किए गए. राहुल ने भगवान शिव की जिस अभय मुद्रा का जिक्र किया, उससे ये साबित करने की कोशिश की कि उनकी पार्टी कांग्रेस भी अब बगैर दबाव के संसद में अपनी आवाज उठाती रहेगी.
2. मोदी 3.0 की राह आसान नहीं!
राहुल गांधी ने किसान.. अग्निवीर... बेरोजगारी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार पर निशाना साधा तो सदन में मोदी सरकार को तीसरे कार्यकाल में बदलते समीकरण की तस्वीर साफ दिखी. राहुल ने अग्निवीर का मुद्दा उठाया तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जवाब देने उठे. राहुल ने फिर किसानों से भेदभाव का विषय रखा तो कृषि मंत्री शिवराज सिंह जवाब देने उठे. गृह मंत्री अमित शाह लगातार संसद में नियमों का हवाला देते रहे. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और किरेन रिजिजू भी राहुल को बीच-बीच में जवाब देते नजर आए.
3.संसद में प्रधानमंत्री मोदी को सीधी चुनौती
राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष के तौर पर भाषण दे रहे थे. लेकिन कभी सीधे तो कभी संकेतों में प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाते रहे. साफ था कि संसद में राहुल Vs मोदी की लड़ाई दिखाई दी और ये आगे और भी तेज होगी. राहुल गांधी ने हिंदुत्व के मुद्दे पर कहा कि जो लोग अपने को हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे नफरत और हिंसा की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदू को सच का साथ देना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में कहा कि ये विषय गंभीर है और हिंदू को हिंसक बताना गलत है. बाद में एक मौका और आया जब प्रधानमंत्री ने सदन में उठकर राहुल के बातों का जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए.
4.अयोध्या के मुद्दे पर बीजेपी को घेरा
राहुल गांधी ने अयोध्या के मुद्दे पर भी बीजेपी को घेरा. राहुल ने कहा कि अयोध्या में एयरपोर्ट बना, लोगों कि जमीनें छिनी गईं और आज तक मुआवजा नहीं मिला. अयोध्या की जनता दुखी थी. राहुल ने फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद की ओर इशारा करते हुए कहा कि अयोध्या का मैसेज आपके सामने बैठे हैं. उन्होंने आरोप लगाए कि प्रधानमंत्री अयोध्या से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें सर्वे में अंदाजा हुआ कि वो यहां से नहीं जीत सकते तो वाराणसी चले गए. राहुल अयोध्या के जरिए बीजेपी के राम मंदिर और अयोध्या के मुद्दे पर चोट करते नजर आए.
5.युवाओं के मुद्दों को साधा
राहुल गांधी ने संसद में अग्निवीर और रोजगार का मुद्दा उठाकर ये साबित करने की कोशिश की कि उन्हें युवाओं के मुद्दों की चिंता है. राहुल ने कहा कि सरकार रोजगार के मुद्दे पर विफल रही.
6.संसद में मजबूत दखल की तैयारी
राहुल गांधी ने सदन में जैसे अपनी बातों को रखा, उससे साफ हो रहा है कि आने वाले समय में वो सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहेंगे. राहुल गांधी ने स्पीकर ओम बिरला पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं जब अध्यक्ष से हाथ मिलाता हूं, तो उनके कंधे सीधे रहते हैं. लेकिन जब वे प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाते हैं तो झुक जाते हैं. राहुल लोकसभा में लगातार हमले कर रहे थे. सरकार के मंत्री एक के बाद एक पलटवार करते रहे लेकिन राहुल अपनी बात करने से पीछे नहीं हटे. साफ है कि आज जो लोकसभा की तस्वीर दिखाई दी, उससे राहुल ने संकेत दिए कि कैसे वो आगे सदन में अपनी बात मजबूती से रखने वाले है.
विपक्षी पारी की शुरुआत..
कुल मिलाकर साफ है कि राहुल विपक्ष के नेता के तौर पर अपनी पारी की शुरुआत कर चुके हैं. उनकी चुनौती सरकार के लिए अब बड़ी रहने वाली है. उनके पास बोलने के मौके होंगे... सवाल होंगे. फिलहाल प्रधानमंत्री लोकसभा में जवाब देने वाले हैं और वो राहुल के एक-एक आरोप का कैसे पलटवार करते हैं वो देखने वाली बात होगी.