Anchor Rohit Ranjan: ZEE NEWS के एंकर रोहित रंजन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उच्चतम न्यायालय ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रोहित रंजन के खिलाफ जहां-जहां भी FIR दर्ज हुई, उसपर कोई कार्रवाई नहीं होगी. 


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छत्तीसगढ़ पुलिस को झटका


सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि कांग्रेस शासित इस राज्य की पुलिस नियमों को ताक पर रखकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने उनके घर पहुंची थी. छत्तीसगढ़ पुलिस उत्तर प्रदेश पुलिस को बिना सूचना दिए एंकर रोहित रंजन को गिरफ्तार करने पहुंची थी. रोहित रंजन गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहते हैं. 



छत्तीसगढ़ पुलिस के 10-15 सदस्यों ने रोहित के घर पर तांडव मचाया था. वो बिना आई कार्ड और बिना वर्दी के रोहित के घर सुबह 5 बजे पहुंचे. उन्होंने रोहित रंजन के घर के सामानों को तहस-नहस कर दिया. छत्तीसगढ़ पुलिस ने रोहित रंजन की सोसाइटी के सिक्योरिटी गार्ड्स से भी बदतमीजी की थी.


सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ? 


जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने रोहित रंजन की याचिका पर अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. रोहित रंजन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने शीर्ष अदालत को बताया कि एक ही आरोप के लिए उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. 


याचिका में रोहित रंजन ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी. सिद्धार्थ लूथरा ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय के समक्ष रोहित रंजन की याचिका का उल्लेख किया और अदालत को अवगत कराया कि उन्हें मंगलवार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया था और अब छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है. 


लूथरा ने कहा है कि मामले की तत्काल सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि रोहित रंजन के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज होने के कारण उन्हें बार-बार हिरासत में रखा जाएगा. उन्होंने अदालत को बताया कि वह एक शो करते हैं, जिसमें गलती हुई थी और बाद में उन्होंने इसके लिए माफी मांगी, लेकिन उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं.


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