#TrustYourVaccine: Covaxin का टीका लगवाने वाली पहली भारतीय महिला पत्रकार बनीं पूजा मक्कड़
DCGI ने हाल ही में एक साथ दो कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी है. इसमें कोविशील्ड और कोवैक्सीन का नाम शामिल है. हालांकि वैक्सीन की मंजूरी के बाद इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर भ्रम पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इसलिए Zee News के रिपोर्टर पूजा मक्कड़ ने सबसे पहले वैक्सीन लगवाकर उस भ्रम को दूर करने की कोशिश की है.
नई दिल्ली: Zee News की रिपोर्टर पूजा मक्कड़ भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाली पहली महिला पत्रकार (First female journalist to get Corona vaccine) बन गई हैं. हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने दो कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. जिसके बाद उन्हें भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन (Covaxin) की डोज दी गई है.
बताते चलें कि डीसीजीआई के डायरेक्टर वीजी सोमानी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के इस्तेमाल की अनुमति देने का आधिकारिक ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि आपात इस्तेमाल के लिए ये दोनों वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित हैं. ये दोनों ही वैक्सीन 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर की जाएंगी.
बताते चलें कि कोवैक्सीन पूरी तरह से स्वदेशी है, जिसे हैदराबाद स्थित एक लैब में तैयार किया गया है. इसके अलावा कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है. हालांकि भारत में इसका निर्माण और ट्रायल के लिए सीरम इंस्टिट्यूट (Serum Institute) भागीदार है.
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कौन सी वैक्सीन कितनी प्रभावी?
DCGI ने बताया कि कोवैक्सीन का टीका प्रभावी और सुरक्षित पाया गया है. पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में 800 लोगों को टीका दिया गया था. इसके अलावा कई जानवरों पर भी परीक्षण किया गया है. वहीं तीसरा ट्रायल चल रहा है और टीका 22500 लोगों को दिया गया है. इसके अलावा कोविशील्ड (Covishield) को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ने 23,745 से अधिक विदेशी प्रतिभागियों के डेटा का परीक्षण किया और यह 70.42 प्रतिशत तक प्रभावी है. भारत में आयोजित दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण में 1600 लोगों को टीका लगाया गया था, जिसके परिणाम भी पहले चरण के परीक्षण के बराबर थे.
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