बेंगलुरु: कोरोना वायरस (Coronavirus) संकटकाल के दौरान दुनियाभर में हजारों लोगों की जॉब चली गई, लेकिन साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में 31 लाख पद अब भी खाली हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से ज्यादातर नौकरियां एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हैं. प्रोफेशनल रिक्रूटमेंट सर्विसेज फर्म माइकल पेज इंडिया (Professional Recruitment Services Firm Michael Page India) ने कहा कि वैश्विक महामारी की वजह से एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia Pacific Region) में साइबर क्राइम 600 फीसदी तक बढ़ जाएगा.


साइबर सिक्योरिटी बड़ा मुद्दा


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द ह्यूमन ऑफ साइबर सिक्योरिटी (The Humans of Cybersecurity) रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी-मार्च 2020 के बीच एशिया में 1 करोड़ 90 लाख रैंसमवेयर और Phishing अटैक हुए. अब ये साफ हो गया है कि दुनियाभर में चल रहे बिजनेस के लिए साइबर सिक्योरिटी बड़ा मुद्दा है.


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43 फीसदी स्किल्ड वर्कर्स की कमी


रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में इस वक्त 43 फीसदी स्किल्ड वर्कर्स की कमी है. इसमें एप्लीकेशन डेवलपमेंट सिक्योरिटी, क्लाउड सिक्योरिटी रिस्क मैनेजमैंट, थ्रेट इंटेलिजेंस, डेटा प्राइवेसी और सिक्योरिटी की ज्यादा मांग है.


एनालिस्ट और साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर की मांग 


माइकल पेज इंडिया की डायरेक्टर वर्षा बरुआ ने कहा कि सिक्योरिटी इंजीनियर, साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट और साइबर सिक्योरिटी इंजीनियर की आज के समय में बहुत मांग है. साल 2025 तक भारत में साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी करीब 15 लाख नौकरियां होंगी.


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साइबर सिक्योरिटी का मार्केट


रिपार्ट के अनुसार, साल 2019 में एशिया-प्रशांत में साइबर सिक्योरिटी का मार्केट 3 हजार करोड़ से ज्यादा का रहा, जो साल 2020-2025 के बीच 18.3 फीसदी और बढ़ेगा.


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