नई दिल्ली: भारत के सबसे बेहतरीन कमांडो और कारगिल युद्ध में अपना परचम लहराने वाले मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) हैं, जो भारतीय नौसेना (Indian Navy) का एक विशेष बल है. आपको बता दें कि यह आतंकवाद से निपटने के लिए पानी के नीचे और सब-एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन में माहिर होते हैं . मार्कोस कमांडो (Indian Navy MARCOS Commando Jobs) सिर्फ पानी में ही नहीं बल्कि जमीन पर भी अपने ऑपरेशन को अंजाम देता है. कारगिल युद्ध के दौरान इसका ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) इसे दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाता है.


कब हुआ था गठन


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गौरतलब है कि MARCOS Commando इकाई का गठन 1987 में हुआ था.  इसका मोटो है The Few The Fearless.1000 सैनिकों में से कोई एक ही MARCOS Commando बन पाता है. अगर आप भी MARCOS Commando बनने का इच्छा रखते हैं, तो आपको इसके लिए कठिन परीक्षा और ट्रेनिंग पास करनी होगी. आइए जानते हैं इसमें शामिल होने के लिए किन परीक्षाओं और प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है.


ये भी पढ़ें- यूपी की आगामी सभी भर्तियों के लिए आज ही करें 'One Time Registration', नहीं है कोई आयुसीमा


Indian Navy MARCOS Commando Jobs के लिए चयन प्रक्रिया 


MARCOS Commando में शामिल होने के लिए सबसे पहले भारतीय नौसेना के कर्मचारियों को एक तीन दिवसीय फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट और एलिजिबिलिटी टेस्ट से गुजरना होता है.


Indian Navy MARCOS Commando Jobs के लिए योग्यता


मार्कोस कमांडो (MARCOS Commando) के ट्रेनिंग के रूप में शामिल होने से पहले कई कठिन प्रक्रिया से गुजरना होता है. ट्रेनिंग से पहले तीन-दिवसीय फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट और योग्यता परीक्षा शामिल है. आपको बताते चलें कि ये परीक्षा इतनी कठिन होती है कि इसमें लगभग 80% उम्मीदवार बाहर हो जाते हैं.


ये भी पढ़ें- राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा टली, अब इस दिन होगा एग्जाम


Indian Navy MARCOS Commando Jobs के लिए ट्रेनिंग


मार्कोस कमांडो बनने के लिए तीन-दिवसीय फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट और योग्यता परीक्षा के बाद 5 सप्ताह के कठिन ट्रेनिंग से गुजरना होता है. ये काफी कठिन होता है. इसे लोग नरक के जीवन जैसा मानते हैं. इसके ट्रेनिंग के दौरान लोगों को सोने नहीं दिया जाता है और भूखा भी रखा जाता है साथ ही कड़ी मेहनत भी करवाई जाती है. कई लोग तो इस ट्रेनिंग को छोड़कर भी भाग जाते हैं. लेकिन जो इस फेज को पार कर जाते हैं, वे वास्तविक ट्रेनिंग के लिए चुने जाते हैं. वास्तविक ट्रेनिंग 3 सालों की होती है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे, ये ट्रेनिंग इतनी कठिन है कि इसमें जांघों तक कीचड़ में कंधों पर 25 किलो का वजन रखकर 800 मीटर तक दौड़ाया जाता है.


कठिन ट्रेनिंग दी जाती है 


इसके बाद HALO और HAHO दो बेहद कठिन ट्रेनिंग को पूरा करना होता है. HALO में जवानों को 11 किमी की ऊंचाई पर से कूदना होता है और HAHO में 8 किमी की ऊंचाई से कूदना होता है, जिसमें 8 सेकेंड के अंदर पैराशूट को खोलना होता है. इन कमांडों को विभिन्न उपकरणों  चाकू और धनुष चलाना, स्नाइपर राइफल्स चलाना, हथगोले चलाना और नंगे हाथों से लड़ने की भी ट्रेनिंग दी जाती है. और सबसे खास बात कि इन्हें अपनी फैमिली को ये नहीं बता सकते हैं कि वे MARCOS Commando हैं.


ज़ी रोज़गार समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें