बीएस येदियुरप्पा बने कर्नाटक के मुख्यमंत्री, कहा- `15 दिन से पहले ही साबित कर देंगे बहुमत`
येदिय़ुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे. इतना ही नहीं जैसे ही येदियुरप्पा शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे वहां मौजूद लोगों ने उनका स्वागत भी मोदी-मोदी के नारे से किया.
बेंगलुरु : कर्नाटक में 48 घंटे के सियासी उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार बीजेपी की सरकार बन गई है. बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा ने आज सीएम पद की शपथ ले ली है. प्रदेश के राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिलाई. शपथ लेने के बाद येदियुरप्पा ने लोगों को हाथ दिखाकर उनका अभिवादन किया. बता दें कि येदियुरप्पा तीसरी बार कर्नाटक के सीएम बने हैं. राज्यपाल वजुभाई वाला ने येद्दियुरप्पा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. उस समय येद्दियुरप्पा ने ईश्वर और कर्नाटक के किसानों के नाम पर शपथ लेने का फैसला किया.
बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों की जरूरत नहीं
सीएम पद की शपथ लेने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं इस बार 5 साल के सीएम बना हूं और दो दिन बाद विधानसभा में बहुमत हासिल करने में कामयाब रहूंगा.'
शपथ ग्रहण समारोह में लगे मोदी-मोदी के नारे
येदिय़ुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी-मोदी के नारे लग रहे थे. इतना ही नहीं जैसे ही येदियुरप्पा शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे वहां मौजूद लोगों ने उनका स्वागत भी मोदी-मोदी के नारे से किया.
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मंदिर में की पूजा-अर्चना
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से पहले येदियुरप्पा मंदिर पहुंचे और पूजा-अर्चना की. बता दें कि इससे पहले मतदान के दिन भी येदियुरप्पा ने मंदिर में पहले पूजा की थी और फिर पोलिंग बूथ पहुंचे थे. येदियुरप्पा आठवीं बार शिकारीपुरा से चुनाव जीते हैं. उन्होंने तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है.
तीसरी बार बनें प्रदेश के सीएम
यह तीसरा मौका है जब येदियुरप्पा कर्नाटक के सीएम बनें हैं. वह पहली बार अक्टूबर 2007 में जेडीएस-बीजेपी गठबंधन सरकार में राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन उनकी सरकार लगभग एक महीना ही टिक पाई. परिणामस्वरूप राज्य में नवंबर से अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया और मई 2008 में मध्यावधि चुनाव हुए. मई 2008 चुनाव में वह दोबारा मुख्यमंत्री बने.
सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस
एक तरफ बीजेपी के सीएम उम्मीदवार शपथ ली है तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) का रुख किया है और तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया है.
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देर रात सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, अशोक भूषण और एसए बोडबे की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे यह फैसला सुना दिया कि वह राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती, इसलिए येदियुरप्पा पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेंगे. याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
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बहुमत साबित करना होगा चुनौती
देर रात तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही है कि शुक्रवार(18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे बीजेपी और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं.
किसके खाते में कितनी सीटें
राज्य में 12 मई को 222 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए चुनाव में बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडी(एस) को अपनी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ 38 सीटों पर जीत हासिल हुई है. ऐसे में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है.