बेंगलुरु: कर्नाटक में सियासी संकट गहराना लगभग तय हो गया है. कांग्रेस के चार बागी विधायक पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर रहे हैं. विधायक दल की बैठकों और विधानसभा से नदारद हैं. पार्टी ने कई बार चेतावनी दी लेकिन इन बागी विधायकों पर कोई असर नहीं हुआ. हारकर कांगेस ने सोमवार को दलबदल रोधी कानून के तहत रमेश जारकीहोली, उमेश जाधव, महेश कुमाथली और बी नागेंद्र को अयोग्य ठहराने की मांग की है. 


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कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार के समक्ष याचिका दायर कर रमेश जारकीहोली, उमेश जाधव, महेश कुमाथली और बी नागेंद्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले पार्टी ने उन्हें चेतावनी जारी की थी. 
कांग्रेस के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और उन्हें विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए दस्तावेजों के साथ एक पत्र सौंपा. सिद्धरमैया के साथ उपमुख्यमंत्री डॉ डी परमेश्वर और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव भी थे. सिद्धरमैया जेडीएस-कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष भी हैं. 


बाद में, राव ने ट्वीट किया, "सिद्धरमैया और मैंने माननीय विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अपने चार विधायकों को दलबदल रोधी कानून के तहत अयोग्य करार देने के लिए याचिका दायर की है." 


उन्होंने कहा कि कई बार नोटिस और व्हिप जारी किए जाने के बावजूद लगातार गैरहाजिर रहकर वे निर्देशों का उल्लंघन करते पाए गए हैं. कांग्रेस के चार विधायक 18 जनवरी को हुई विधायक दल की बैठक से नदारद थे और पिछले शुक्रवार को हुई विधायक दल की बैठक में व्हिप जारी होने के बाद भी नहीं आए थे.


इन चार विधायकों को अगर अयोग्य ठहराया जाता है तो राज्य में गठबंधन सरकार का संकट गहरा सकता है. दरअसल, दो निर्दलीय विधायक पहले ही सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर चुके हैं जबकि चार विधायकों को अयोग्य ठहराने से विधानसभा में गठबंधन की सीटें 113 रह जाएंगी जो बहुमत से सिर्फ एक सीट ज्यादा है.