इतिहास गवाह है...इन 3 मौकों पर कांग्रेस थी सबसे बड़ी पार्टी, सरकार BJP की बनी
कर्नाटक की जनता ने विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश दिया है. बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, लेकिन बहुमत से 8 सीटें दूर रह गई. वहीं कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं. यह चुनावी समीकरण काफी कुछ गोवा, मणिपुर और मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों से मिलते-जुलते हैं जहां कांग्रेेस सरकार बनाने से चूक गई.
नई दिल्ली: कर्नाटक की जनता ने विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश दिया है. बीजेपी 104 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, लेकिन बहुमत से 8 सीटें दूर रह गई. वहीं कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं. यह चुनावी समीकरण काफी कुछ गोवा, मणिपुर और मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों से मिलते-जुलते हैं. तीनों राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. गोवा में कांग्रेस को 17, मणिपुर में 28 और मेघालय में 21 सीटें मिली थीं. लेकिन तीनों ही राज्यों में वह सरकार बना पाने में विफल रही. यहां बीजेपी गठबंधन धर्म निभाकर सरकार बना ले गई. अब यह राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है कि वह सबसे बड़े दल के रूप में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाते हैं या कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को मौका देते हैं.
गोवा में बीजेपी पाई थी मात्र 13 सीट
गोवा में बीते साल विधानसभा चुनाव हुए थे. वहां 40 सदस्यीय विधानसभा में उसे 13 सीट मिली थीं. उसने गोवा फारवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और तीन निर्दलीय के समर्थन से सरकार बना ली. कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी. राज्यपाल ने भी कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया था.
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मणिपुर में भी बनी थी गोवा जैसी स्थिति
मणिपुर में कांग्रेस 60 सदस्यीय विधानसभा में 28 सीट पाई थी लेकिन सरकार बीजेपी की बनी. बीजेपी ने वहां भी गोवा वाला फार्मूला अपनाया. उसने नगा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपुल्स पार्टी का समर्थन लेकर बहुमत का आंकड़ा पूरा कर लिया था. वहां गवर्नर नजमा हेप्तुल्ला ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाया था. इसके पीछे उनका तर्क यह था कि यह राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है कि वह किस दल या गठबंधन को मौका दें न कि सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के लिए बुलाएं.
मेघालय तीसरी घटना
मेघालय में फिर कांग्रेस सरकार बनाने से चूक गई. उसे 60 सदस्यीय विधानसभा में 21 सीटें मिलीं लेकिन बीजेपी ने पुरानी रणनीति अपनाते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ऑफ कांग्रेड संगमा, यूनाइडेट डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और एक निर्दलीय का समर्थन लेकर सरकार बना ली. अब कर्नाटक में स्थिति पलट गई है. यहां बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन उसके पास बहुमत नहीं है. कांग्रेस बीजेपी की रणनीति पर चलते हुए जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहती है. उसका दावा है कि बीते तीन राज्यों के चुनावी समीकरण को देखते हुए कर्नाटक के राज्यपाल को उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए.