मुंबई/बेंगलुरू: कर्नाटक विधानसभा में पिछले कई दिनों से विश्‍वास मत पर जारी बहस के बीच स्‍पीकर ने सोमवार को बागी विधायकों से मंगलवार सुबह 11 बजे पेश होने को कहा था. इस पर मुंबई में ठहरे बागी विधायकों ने उनसे चार सप्‍ताह में पेश होने का समय मांगा है. बागी विधायकों के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए स्‍पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा कि ये सब कोर्ट की कार्यवाही से जुड़ा मसला है. कोर्ट के भीतर इसका निर्धारण होगा. न्‍यूज एजेंसी ANI ने जब रमेश कुमार से पूछा कि आप सत्‍ताधारी पार्टी को बहुमत साबित करने के लिए जानबूझकर अधिक समय दे रहे हैं तो उन्‍होंने जवाब दिया कि मैं उनका धन्‍यवाद कहना चाहता हूं. मैं ईश्‍वर से प्रार्थना करता हूं कि उनको सद्बुद्धि दें.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इससे पहले सोमवार को विधानसभा में विश्‍वास मत पर बहस पूरी नहीं हो सकी. सदन में हंगामे के बीच कार्यवाही मंगलवार को सुबह 10 बजे तक स्‍थगित कर दी गई. हालांकि स्‍पीकर ने मंगलवार शाम छह बजे विश्‍वास मत पर फैसले की बात कही है. उससे पहले आज शाम चार बजे तक विश्वास मत पर चर्चा समाप्‍त कराने का निर्देश दिया है.


इस बीच जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को उम्‍मीद है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई संभव है. पार्टी व्हिप जारी करने के संबंध में कांग्रेस ने याचिका दायर की है. इस पर पार्टी को उम्‍मीद है कि कोर्ट मंगलवार को स्‍पष्‍टीकरण देगा. उधर विपक्षी भाजपा ने आरोप लगाया है कि सब कुछ पहले से तय आधार पर सदन में बहस हो रही है. हालांकि भाजपा को यह भी उम्‍मीद है कि सत्‍तारूढ़ गठबंधन नंबर के खेल में पिछड़ जाएगा. बीजेपी नेता शोभा करांलजे ने कहा कि सत्‍तारूढ़ गठबंधन के पास संख्‍याबल नहीं है. उनकी सरकार अल्‍पमत में है. बागी विधायक मुंबई में हैं. वे बेंगलुरू नहीं आना चाहते. देखते हैं कि मंगलवार शाम को क्‍या होता है. हमें पूरा भरोसा है कि ये सरकार गिर जाएगी. ये जनता की सरकार नहीं है. लोग इनसे नाराज हैं. विधायक नाराज हैं.


कर्नाटक: CM ने विश्‍वास मत हासिल करने के लिए और वक्‍त मांगा, स्‍पीकर ने जवाब नहीं दिया


LIVE TV



कांग्रेस विधायकों को समन
उल्‍लेखनीय है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा सौंप चुके कांग्रेस के बागी 12 विधायकों को सुनवाई के लिए समन भेजा है. कांग्रेस पार्टी ने व्हिप का उल्लंघन करने वाले इन विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस दिया है. विधानसभा अध्यक्ष के सचिव एम.के. विशालक्ष्मी ने एक बयान में कहा, "सभी 12 कांग्रेस के बागियों को अयोग्य ठहराए जाने के नियम के तहत नोटिस भेजा गया है."


कर्नाटक संकट : विधानसभा स्थगित, स्पीकर बोले - आज शाम 6 बजे होगा बहुमत परीक्षण


विधानसभा अध्यक्ष ने बागियों को यह भी सूचित किया कि कांग्रेस पार्टी के नेता सिद्धारमैया ने 18 जुलाई को उनसे आग्रह किया कि विधानसभा से गैरमौजूदगी के मद्देनजर विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए. इस बीच बागियों ने कहा कि अयोग्य ठहराए जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि वे पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और इसीलिए उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
इस बीच कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो विधायक आर शंकर और एच नागेश की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अर्जी पर सुनवाई करेगी. दरअसल, अर्जी में कहा गया है कि बहुमत खो चुकी सरकार सदन में वोटिंग को टालने में लगी है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तुरंत बहुमत परीक्षण का आदेश दे.


इससे पहले राज्य कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव और मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अर्जी दायर कर 17 जुलाई के आदेश को स्पष्ट करने की मांग की है. इस अर्जी में कहा गया है कि 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से छूट देने का आदेश पार्टी व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार का हनन है. अर्जी में पार्टी व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार का मुद्दा उठाया गया है जबकि राज्यपाल के बहुमत साबित करने का समय तय किए जाने को भी ग़लत बताया गया है.


17 को जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि कर्नाटक के इस्तीफा देने वाले 15 विधायक सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं हैं, उनकी इच्छा हो तो जाएं. कोर्ट ने ये भी कहा था कि स्पीकर को अधिकार है कि वो तय करे कि कितनी समय में विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है, लेकिन 15 बागी विधायकों को शक्ति परीक्षण में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.


(बेंगलुरू से जयराम शर्मा के इनपुट के साथ)