कर्नाटक चुनाव में जीत के लिए पीएम मोदी के समर्थकों ने निकाला अनूठा तरीका
कर्नाटक के इन विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां जीत के लिए पूरा जोर लगा रही हैं. कहा जा रहा है कि 2019 के लिए रास्ता इन्हीं चुनावों के परिणामों से खुलेगा.
उडुपी (कर्नाटक) : कर्नाटक में चुनाव जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. पार्टियों के साथ ही उनके कार्यकर्ता भी इसके लिए हर प्रयास कर रहे हैं. कर्नाटक में जीतने के लिए भाजपा के कार्यकर्ताओं ने ऐसा ही एक तरीका निकाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक यहां एक मशहूर मंदिर में तुलसी के पौधे भेंट करके कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने के वास्ते भाजपा के लिए समर्थन मांग रहे हैं. उडुपी में करीब 800 साल पुराने श्री कृष्ण मंदिर में भाजपा की जीत की कामना को लेकर रोजाना कम से कम एक लाख तुलसी के पौधे चढ़ाये जा रहे हैं.
उडुपी से करीब 22 किलोमीटर दूर शिरुरु गांव के 45 वर्षीय श्रद्धालु केश्वाचार्य 12 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में मोदी और उनकी पार्टी के लिए 800 साल पुराने श्री कृष्ण मंदिर में पूजा करने गए. केश्वाचार्य ने कहा, ‘मैंने मोदी की सफलता के लिए मंदिर में तुलसी का पौधा भेंट करने का फैसला किया.’ दो अन्य श्रद्धालु गोविंद और कुमारस्वामी ने भी ऐसे ही विचार साझा किए. उन्होंने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली रैली में भाग लेने से पहले उन्होंने मंदिर में पूजा अर्चना की.
पीएम मोदी के साथ मंच पर दिखने वाले एस.एम कृष्णा के समर्थक हो गए कांग्रेस में शामिल
पालीमार मठ के विद्याशीष तीर्थ स्वामी ने भगवान कृष्ण के एक लाख तुलसी के पौधे भेंट करने का अभियान चलाया. उन्हें मंदिर के प्रशासक का दूसरा कार्यकाल मिला. यह पूछने पर कि क्या मंदिर में केश्वाचार्य जैसे और श्रद्धालु आते हैं, इस पर उन्होंने कहा, ‘शायद आते है. यह जानना मुश्किल है कि श्रद्धालु मंदिर में क्या मन्नत मांगने आते हैं. हमने इस बारे में कभी नहीं पूछा.’
कर्नाटक: पुलकेसिन, कृष्णदेव राय से लेकर टीपू सुल्तान, जनरल करियप्पा और बसवन्ना तक मैदान में!
तुलसी के पौधों की बढ़ती मांग के साथ उडुपी में रोजगार के मौके बढ़े हैं. पिछले तीन महीने में कई नर्सरियां बनाई गई हैं. मंदिर ने भी उडुपी में करीब 14 एकड़ भूमि में तुलसी की खेती की है. पूजा के बाद तुलसी के पौधे का आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.