10 साल की बच्ची से गैंगरेप के बाद हुई थी हत्या, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी की फांसी पर लगाई रोक
जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने दोषी की पुनर्विचार याचिका पर ये आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह 16 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कोयम्बटूर (Coimbatore) में 10 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप फिर बच्ची और उसके भाई की हत्या के मामले में दोषी मनोहरन की फांसी की सजा (Death sentence) पर रोक लगा दी है. जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने दोषी की पुनर्विचार याचिका पर ये आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि वह 16 अक्टूबर को मामले की अगली सुनवाई करेगा. सुनवाई के दौरान दोषी के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में सात वकील बदले जा चुके हैं, जिसकी वजह से निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) तक दोषी अपना पक्ष सही तरीके से नहीं रख पाया है.
दरअसल, दोषी मनोहरन ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. दोषी को 20 सितंबर को फांसी दी जानी थी. आपको बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर इसी साल एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने इस मामले में 2:1 के बहुमत से फैसला दिया था. कोर्ट ने इस मामले में दोषी मनोहरन की मौत की सज़ा को बरकरार रखा था.
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जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल थे जबकि जस्टिस संजीव खन्ना ने फांसी दिए जाने के फैसले से असहमति जताई थी. गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने मनोहरन को मौत की सजा सुनाई थी. इस मामले के एक अन्य आरोपी पुजारी मोहनकृष्णन को आरोपी बनाया गया, लेकिन बाद में मोहनकृष्णन एक पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. मनोहरन को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई, जिसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी.
इनपुट: महेश गुप्ता