आजकल लोग फिट रहने के तरह-तरह के पैंतरे अपना रहे हैं, जिसमें से एक वीगन डाइट भी है. दिन प्रतिदिन वीगन डाइट को फॉलो करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अगर आप भी वीगन डाइट फॉलो करते हैं या करने की सोच रहे हैं तो सबसे पहले ये खबर पढ़ लीजिए. हाल में ही कई सालों से कच्चे वीगन फूड के दम पर रहने वाली फूड इन्फ्लुएंसर झन्ना सैमसोनोवा की मौत हो गई. वह सोशल मीडिया पर काफी फेमस थीं और बड़ी संख्या में लोग उनको फॉलो करते थे.


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आपको बता दें कि झन्ना सैमसोनोवा की उम्र महज 39 साल थी और वह बीते 10 सालों से वीगन डाइट को फॉलो कर रहीं थी. वह अपनी डाइट में सूरजमुखी के अंकुरित बीज, फल और कच्ची सब्जियों का ही सेवन करती थीं. रूस की रहने वाली सैमसोनोवा सोशल मीडिया पर भी कच्चे भोजन को बढ़ावा देती थीं. डॉक्टरों का कहना है कि उनकी मौत भूख की वजह से हो गई.


हो गई थी कमजोरी
झन्ना की मां और उनके दोस्तों के मुताबिक, उनकe स्वास्थ्य केवल शाकाहारी कच्चे खाने के कारण खराब हो गया था. इसी कारण उन्हें शारीरिक रूप से कमजोरी का अनुभव हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि झन्ना के दोस्त ने उन्हें श्रीलंका में मिले थे और उन्हें पैरों में सूजन और अत्यधिक थकान महसूस हो रही थी, जिसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया था.


वीगन डाइट के नुकसान


  • प्रोटीन की कमी: वीगन डाइट में प्रोटीन स्रोत कम होते हैं, जिसके कारण मांसाहारी खाद्य पदार्थों के मुकाबले प्रोटीन आपके शरीर को पूरी मात्रा में नहीं मिल पाता है। प्रोटीन की कमी से शरीर की मांसपेशियों, रक्त और त्वचा की सेहत पर असर पड़ सकता है.

  • विटामिन बी12 की कमी: विटामिन बी12 मांसाहारी खाद्य पदार्थों में होता है, जिसे वीगन डाइट में नहीं पाया जा सकता. विटामिन बी12 की कमी ब्लड रक्त कोशिकाओं की संख्या को कम कर सकती है और एनर्जी लेवल को भी नीचे ला सकती है.

  • कैल्शियम और विटामिन डी की कमी: दूध और दैहिक उत्पादों का सेवन नहीं करने से कैल्शियम और विटामिन डी की कमी हो सकती है, जिससे हड्डियों की सेहत प्रभावित हो सकती है.

  • एनर्जी की कमी: वीगन डाइट में प्रोटीन और फैट की कमी होने के कारण एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है.