Does PCOS and Hypothyroidis are similar: आजकल गाइनेकोलोज‍िस्‍ट और डायटीश‍ियन के पास सबसे ज्‍यादा PCOS और हाइपोथायरायडिज्म के मामल आ रहे हैं. PCOS यानी पोलीस‍िस्‍ट‍िक ओवरी स‍िंड्रोम और हाइपोथायरायडिज्म को लेकर ज्‍यादातर लोगों के मन में म‍िथ बठा हुआ है. जैसे क‍ि ये दोनों स्‍थ‍ितियां एक दूसरे के कारण होती हैं और एक का इलाज करते ही दूसरा अपने आप ठीक हो जाता है. आइये, इन दोनों बीमार‍ियों से जुड़े उन 5 म‍िथकों के बारे में जानते हैं और साथ ही सच क्‍या है, इसके बारे में भी जान लेते हैं. 


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सीके बिड़ला अस्पताल (आर), दिल्ली में आंतरिक चिकित्सा की निदेशक डॉ मनीषा अरोड़ा ने इस बारे में बात की और बताया क‍ि पोलीस‍िस्‍ट‍िक ओवरी स‍िंड्रोम और हाइपोथायरायडिज्म दोनों क‍ितने अलग हैं और म‍िथ के पीछे की सच्‍चाई क्‍या है. 


1. मिथक: PCOS हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनता है
तथ्य: PCOS और हाइपोथायरायडिज्म अक्सर एक साथ पाए जाते हैं, लेक‍िन फ‍िर भी PCOS सीधे हाइपोथायरायडिज्म का कारण नहीं बनता है. शोध से पता चलता है कि PCOS से पीड़ित 20-30% महिलाओं में हाइपोथायरायडिज्म भी होता है, लेकिन यह ओवरलैप संभवतः इंसुलिन प्रतिरोध, हार्मोनल असंतुलन और सूजन जैसे कारणों से होता है, न कि एक स्थिति के कारण दूसरे का होना. दोनों स्थितियां स्वतंत्र रूप से मौजूद हो सकती हैं, लेकिन उनके एक साथ होने से थकान, वजन बढ़ना और अनियमित मासिक धर्म जैसे लक्षण बढ़ सकते हैं. 


2. मिथक: हाइपोथायरायडिज्म PCOS का कारण बनता है
तथ्य: हाइपोथायरायडिज्म PCOS के लक्षणों को खराब कर सकता है, लेकिन यह मूल कारण नहीं है. PCOS एक मेटाबोल‍िज्‍म और हार्मोनल ड‍िस्‍ऑर्डर है जो मुख्य रूप से अंडाशय को प्रभावित करता है, जबकि हाइपोथायरायडिज्म तब होता है जब थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन का प्रोडक्‍शन नहीं करती है. दोनों स्थितियां वजन बढ़ना, थकान और अनियमित पीर‍ियड्स जैसे लक्षणों को शेयर कर सकती हैं, जिससे यह मान लेना आसान हो जाता है कि एक दूसरे का कारण है. दोनों ब‍िल्‍कुल अलग-अलग हैं और दोनों का इलाज अलग ही होता है.  
 
3. मिथक: एक स्थिति का इलाज करने से दूसरी स्थिति अपने आप ठीक हो जाएगी
तथ्य: ऐसा सोचना गलत है. भले ही ये दोनों बीमार‍ियां एक साथ शरीर में मौजूद हों, लेक‍िन दोनों का इलाज अलग-अलग होना चाह‍िए. हाइपोथायरायडिज्म को ठीक करने से PCOS के साथ ओवरलैप होने वाले कुछ लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है, जैसे थकान या वजन बढ़ना, लेकिन यह PCOS से जुड़े हार्मोनल असंतुलन या प्रजनन संबंधी समस्याओं को हल नहीं करेगा. इसी तरह, PCOS की दवाएं हाइपोथायरायडिज्म को ठीक नहीं करेंगी. प्रभावी उपचार के लिए प्रत्येक स्थिति के लिए उपयुक्त दवाओं और जीवनशैली में बदलाव निर्धारित करने के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा प्रत्येक स्थिति का व्यापक मूल्यांकन आवश्यक है.


4. मिथक: अकेले आहार में बदलाव से दोनों स्थितियों का प्रबंधन किया जा सकता है
तथ्य: PCOS और हाइपोथायरायडिज्म के प्रबंधन के लिए एक स्वस्थ आहार महत्वपूर्ण है, लेकिन यह अपने आप में पर्याप्त नहीं है. दोनों स्थितियों में अक्सर एक्‍सरसाइज और स्‍ट्रेस मैनेजमेंट जैसे जीवनशैली में बदलाव के साथ-साथ हार्मोन थेरेपी, थायरॉयड हार्मोन र‍िप्‍लेसमेंट या इंसुलिन-सेंस‍िटाइज‍िंग दवाओं की आवश्यकता होती है. हालांक‍ि आहार लक्षणों में सुधार कर सकता है, लेक‍िन यह किसी भी स्थिति के लिए एक अकेला समाधान नहीं है. 


5. मिथक: दोनों स्थितियों में सर्ज‍िकल इलाज करना होता है 
तथ्य: PCOS या हाइपोथायरायडिज्म को मैनेज करने में सर्जरी की शायद ही कभी जरूरत होती है. दोनों स्थितियों में इलाज दवा और जीवनशैली में बदलाव के साथ हो जाता है. PCOS के गंभीर मामलों में, ओवेर‍ियन ड्रिलिंग जैसी सर्जरी पर विचार किया जा सकता है, लेकिन यह एक सामान्य उपचार नहीं है. इसी तरह, हाइपोथायरायडिज्म को आमतौर पर सर्जरी के बजाय थायराइड हार्मोन र‍िप्‍लेसमेंट के साथ मैनेज किया जाता है.