प्रेग्नेंसी को आसान बनाएंगे जिंक रिच फूड्स, न करें इसकी कमी, मां-बच्च दोनों के लिए खतरा
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प्रेग्नेंसी को आसान बनाएंगे जिंक रिच फूड्स, न करें इसकी कमी, मां-बच्च दोनों के लिए खतरा

Zinc and Pregnancy: प्रेग्नेंसी में किसी तरह की लापरवाही की गुंजाइश नहीं होती, अगर सावधानी नहीं बरतेंगे तो मां और बच्चों दोनों की सेहत पर खतरा पैदा हो जाएगा. आइए जानते हैं कि गर्भवास्था के दौरान महिलाओं को जिंक रिच फूड्स क्यों खाना चाहिए.

प्रेग्नेंसी को आसान बनाएंगे जिंक रिच फूड्स, न करें इसकी कमी, मां-बच्च दोनों के लिए खतरा

Why Zinc Rich Foods Are So Important in Pregnancy: प्रेग्नेंसी में अपनी डाइट का खास ख्याल रखना पड़ता है, जिससे चाइड बर्थ में किसी तरह की परेशानी पेश न आए. जिंक की खुराक गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी मानी जाती है. डाइटीशियन आयुषी यादव के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान जिंक प्रीटरम बर्थ (Preterm Birth) को थोड़ा कम करने में मदद करता है.' जिंक 300 से ज्यादा एंजाइम्स के फंक्शंस के लिए अहम है. ये इम्यूनिटी को बनाए रखता है और बॉडी के टिश्यूज की मरम्मत करता है. इसके साथ ये पोषक तत्वों को मेटाबोलाइज़ करता है. 

प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी है जिंक का सेवन?
चूंकि हमारा शरीर जिंक को अन्य पोषक तत्वों की तरह स्टोर नहीं करता है, इसलिए नियमित अंतराल पर इसका इनटेक करना जरूरी है, यानी हर दिन आपको कुछ न कुछ जिंक रिच फूड्स थान होंगे. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को दाल, काजू, अमरनाथ, तिल, पनीर और सूरजमुखी के बीजों को खाना चाहिए. जिंक मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है. जहां तक डेली नीड की बात है तो हर दिन 12 मिलीग्राम  जिंक वाले भोजन खाएंगे तो किसी तरह की डेफिशिएंसी नहीं रहेगी.

जिंक की कमी से होने वाले नुकसान
गर्भवती महिला और उनके पेट में पल रहे बच्चे की चिंता हर किसी होती है, इसके लिए हर हाल में जिंक रिच फूड्स खाने होंगे अगर इसमें किसी भी तरह की कमी की गई तो गंभीर नतीजे सामने आ सकते हैं. इन खतरों में लंबे समय तक प्रसव (Prolonged Labour), एटोनिक पोस्टपर्टम हैमरेज (Atonic Postpartum Haemorrhage), हाइपरटेंशन (Hypertension), प्रीटरम लेबर (Preterm Labour) और पोस्ट-टर्म प्रेग्नेंसी (Post-term pregnancies) शामिल हैं.

न होने दें जिंक की कमी
अगर आप चाहते हैं कि गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चे को प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलिवरी के बाद किसी तरह की परेशानी पेश न आए तो उन्हें जिंक की रोजाना की जरूरतों को पूरा करते रहें. ऐसे में आप मां और बच्चे दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित कर पाएंगे.
 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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