Arthritis और Sciatica को जड़ से मिटा देगा ये जादुई काढ़ा, पीने के बाद कहेंगे, `पहले क्यों नहीं बताया?`
Arthritis Sciatica Cure: गठिया और साइटिका मौजूदा दौर की गंभीर परेशानी बनती जा रही है, जो लोग इसका आयुर्वेदिक इलाज तलाश रहे हैं उनके लिए एक खास पौधा काफी काम आ सकता है.
Harsingar Tea Benefits: पहले के दौर में आर्थराइटिस और साइटिका जैसी परेशानी सिर्फ मिडिल एज और बुजुर्ग लोगों अपना शिकार बनाती थी, लेकिन अब काफी युवा इस समस्या का सामना कर रहे हैं और हर हाल में इससे निजात पाना चाहते है. खासकर जब मौसम थोड़ा सा ठंडा होता है तो ये परेशानी बढ़ जाती है. अगर वक्त रहते इसका उपाय न खोजा जाए तो हालात खराब हो सकते हैं. एक वक्त आता है कि ज्वाइंट के पास कार्टिलेज घिस जाते हैं और उसमें लुब्रिकेंट की कमी हो जाती है. यही वजह है कि जोड़ों में तेज दर्द होता है.
आयुर्वेद में छिपा है इसका का इलाज
ऐसी बीमारियों से हमारा उठना-बैठना और डेली लाइफ की नॉर्मल एक्टिविटीज को अंजाम देना भी मुश्किल हो जाता है. आमतौर पर काफी लोग आर्थराइटिस और साइटिका आयुर्वेद का सहारा नहीं लेते, लेकिन आज हम आपको उस औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे ये दोनों समस्याएं जड़ से मिट सकती है. ये दादी-नानी के जमाने का नुस्खा हो जो काफी कारगर माना जाता है.
हरसिंगार का काढ़ा है रामबाण इलाज
आयुर्वेद के मुताबिक हरसिंगार (Harsingar) नामक पौधा आर्थराइटिस और साइटिका का रामबाण इलाज है. इसे पारिजात (Parijat) या नाइट फ्लावरिंग जैस्मिन (Night-Flowering Jasmine) भी कहा जाता है.अगर इस पौधे का काढ़ा पिए जाए तो आपको गठिया जैसे रोग से राहत मिल जाएगी.
कैसे असर करता है हरसिंगार?
हरसिंगार के पत्तों में टेनिक एसिड, मैथिल सिलसिलेट और ग्लूकोसाइड होता है, जिससे जोड़ों में लुब्रिकेंट की मात्रा बढ़ जाती है और ज्वाइंट पेन से आराम मिलता है. हालांकि इस पौधे की छाल और फूल भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इसके पत्तों से नसों में ब्लड का फ्लो सही तरीके से होने लगता है जिससे साइटिका के दर्द छूमंतर हो जाता है.
कैसे तैयर करें हरसिंगार का काढ़ा?
इसके 5 से 8 पत्तों को अच्छी तरह पीसकर पेस्ट बना लें. अब इसे एक ग्लास पानी के साथ धीमी आंच पर पकने के लिए छोड़ दें. जब पानी उबलकर आधा हो जाए तो गैस बंद कर दें और गुनगुना होने पर पी जाएं. अगर रोजाना सुबह खाली पेट इसका सेवन करेंगे तो बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे.
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