Sore Throat: भारत के लगभग सभी राज्यों में जमकर बारिश हो रही है. इससे जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं बीमारियां भी अब पैर पसारना शुरू कर देंगी. इसमें सबसे आम गले की खराश है, जो सभी को हो जाती है. बता दें कि बारिश के मौसम में हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिसके कारण हम आसानी से बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. इसके अलावा, वायुमंडलीय परिवर्तन, खराब और संक्रमित पानी, ठंडी, नमी, आदि के कारण भी बारिश के मौसम में गले में खराश की संभावना बढ़ जाती है.


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कई घरेलू उपचार हैं जो गले में खराश को शांत करने और बेचैनी को कम करने में मदद कर सकते हैं. आज हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपायों के बारे में जानकारी देंगे, जिनकी मदद से गले की खराश से तुरंत राहत पाया जा सकता है. चलिए जानते हैं.


गले की खराश के लिए आयुर्वेदिक उपाय


गरारा करना
गरारा करना गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद कर सकता है. गरारा करने के लिए गुनगुने पानी में नमक मिलाएं और इस मिश्रण को रोजाना कुछ बार करें.


तुलसी का काढ़ा
तुलसी के पत्तों से काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश में आराम मिलता है. तुलसी की पानी में थोड़ा शहद और नींबू का रस मिलाकर पीने से भी लाभ हो सकता है.


हल्दी मिलाएं
गरारा करने के लिए हल्दी के पाउडर को गर्म पानी में मिलाएं और इसे अच्छी तरह से मिक्स करें. इस मिश्रण को गले के करीब धीरे-धीरे बाहर निकलते हुए गरारे करें.


लायकोरिसा
लायकोरिसा की जड़ों का रस गले में निचोड़कर पीने से गले की खराश में आराम मिल सकता है. इसे आप अपने वैद्यक निर्देशानुसार ले सकते हैं.


त्रिफला चूर्ण
त्रिफला चूर्ण गले की सूजन और खराश को कम करने में मदद कर सकता है. आप इसे रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ ले सकते हैं.