लक्षण दिखने से पहले, ब्लड टेस्ट से दिमाग की गंभीर बीमारी का चलेगा पता; रिसर्च में हुआ खुलासा
अल्जाइमर जैसी दिमाग की गंभीर बीमारी को अभी तक लक्षण दिखने के बाद ही पता लगाया जा सकता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक नई उम्मीद जगाई है.
अल्जाइमर जैसी दिमाग की गंभीर बीमारी को अभी तक लक्षण दिखने के बाद ही पता लगाया जा सकता है, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक नई उम्मीद जगाई है. एक नए शोध के मुताबिक, एक साधारण खून के टेस्ट के जरिए इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है, वो भी लक्षणों के प्रकट होने से पहले ही.
स्वीडन, इटली और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह शोध किया है. उन्होंने पाया है कि खून में मौजूद एक खास प्रोटीन (जिसे प्लाज्मा पी-टाऊ217 कहते हैं) की मात्रा अल्जाइमर रोग से लिंक है. जितनी ज्यादा मात्रा में यह प्रोटीन होता है, उतना ही ज्यादा अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है.
आसान और सस्ता होगा ब्लड टेस्ट
अभी तक अल्जाइमर का पता लगाने के लिए PET स्कैन जैसे महंगे और तकलीफदेह टेस्ट की जरूरत होती है. लेकिन यह खून का टेस्ट आसान, सस्ता और तेज है. इससे न सिर्फ अल्जाइमर का पता लगाया जा सकेगा, बल्कि यह भी पता चल सकेगा कि दिमाग में बीमारी किस स्तर तक पहुंच चुकी है.
जल्द शुरू होगा बीमारी का इलाज
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह खोज अल्जाइमर के उपचार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. अगर बीमारी का पता शुरुआती दौर में ही लग जाए तो इलाज शुरू करने से दिमाग के नुकसान को कम किया जा सकता है और मरीजों को एक बेहतर जीवन जीने का मौका मिल सकता है.
इस शोध के नतीजे द जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी और शोध की जरूरत है ताकि इस टेस्ट को व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा सके. लेकिन यह खोज निश्चित रूप से अल्जाइमर और अन्य दिमागी बीमारियों के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
क्या है अल्जाइमर?
अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है जो धीरे-धीरे दिमाग के सेल्स को नष्ट कर देती है. इससे याददाश्त कमजोर हो जाती है, सोचने-समझने में परेशानी होती है और रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत होती है. दुनिया भर में करीब 50 मिलियन लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
यह खोज क्यों है महत्वपूर्ण?
- अभी तक अल्जाइमर का पता लगाना काफी मुश्किल और महंगा होता है.
- यह नया खून का टेस्ट आसान, सस्ता और तेज है.
- इससे बीमारी का पता शुरुआती दौर में ही लगाया जा सकता है, जिससे इलाज शुरू करने में मदद मिलती है.
- यह खोज अल्जाइमर के इलाज के लिए उम्मीद जगाती है.
आगे क्या होगा?
- वैज्ञानिक इस टेस्ट को और बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं.
- अभी और शोध की जरूरत है ताकि इस टेस्ट को व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जा सके.
- अगर यह टेस्ट सफल रहता है तो अल्जाइमर के इलाज की दिशा में एक बड़ी क्रांति आ सकती है.