क्या आप जानते हैं कि आपकी पसंदीदा डेयरी प्रोडक्ट्स आपके लिवर के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं? जी हां, आपने सही सुना! एक नए शोध ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं कि फैट से भरपूर डेयरी प्रोडक्ट्स लिवर की बीमारी का कारण बन सकते हैं.


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जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे फुल क्रीम दूध, क्रीम, फ्रोजन योगर्ट, बटर और घी का अधिक सेवन फैटी लिवर रोग के खतरे को बढ़ा सकता है. शोध में यह सलाह दी गई है कि फैटी लिवर और मेटाबॉलिक डिसफंक्शन एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) से बचने के लिए लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन बेहतर विकल्प हो सकता है.


इज़राइल की हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ जेरूशलम के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में हाई फैट और लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स के बीच संबंध को समझने की कोशिश की. उन्होंने चूहों पर किए गए प्रयोगात्मक अध्ययन और एक मानव अवलोकन अध्ययन का विश्लेषण किया. अध्ययन में पाया गया कि कम फैट और कम शुगर वाले डेयरी प्रोडक्ट्स की नियमित खपत हाई फैट डेयरी प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक सुरक्षात्मक मानी जा सकती है.


चूहों पर अध्ययन के नतीजे
अध्ययन में चूहों को 12 हफ्तों तक हाई फैट डाइट (HFD) दी गई, जिसमें लार्ड, सोयाबीन तेल और दूध का फैट शामिल था. सभी हाई फैट डाइट्स के सेवन से वजन में वृद्धि और लिवर में फैट जमा होना पाया गया. हालांकि, लिवर एंजाइम पर कोई प्रभाव नहीं देखा गया. खास बात यह रही कि दूध के फैट के कारण सीरम कोलेस्ट्रॉल और एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स (AGEs) का स्तर बढ़ा, जबकि लार्ड और सोयाबीन तेल का असर इनसे अलग पाया गया.


मानव अध्ययन के निष्कर्ष
316 मानव मरीजों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि लो-मीडियम फैट और लो-शुगर डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन करने वाले व्यक्तियों में MASLD का खतरा कम था. इसके विपरीत, हाई फैट और लो-शुगर डेयरी प्रोडक्ट्स का अधिक सेवन करने वालों में MASLD का खतरा अधिक पाया गया. हालांकि, दोनों प्रकार के डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन का फाइब्रोसिस पर कोई असर नहीं देखा गया.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.