क्‍या आपके चेहरे और पेट के पास ही चर्बी जम रही है? ऐसा है तो आप अपने खानपान को दोष मत दीजिए, बल्‍क‍ि इसके ल‍िए शरीर का एक खास हार्मोन जिम्‍मेदार हो सकता है. हाल ही में हुए एक अध्‍ययन में ये बात सामने आई है क‍ि चेहरे और पेट पर जमी चर्बी वास्तव में किसी समस्या का संकेत है. र‍िपोर्ट में यह खुलासा क‍िया गया है क‍ि यदि आपके पेट पर अतिरिक्त वजन है, पेट की चर्बी है, मम्मी टमी है, चेहरा गोल है, रोजाना द‍िन में भी झपकी लेने की जरूरत होती है, रात में जागते रहते हैं, सुबह 2-3 बजे के बीच जाग जाते हैं और ज्‍याद से ज्‍यादा मीठी चीजें खाने का मन करता है... तो इसका मतलब ये है क‍ि आपके शरीर में हाई कोर्टिसोल है. दरअसल, एक्‍सपर्ट्स और शोध करने वाले अध्‍ययनकर्ताओं का मानन है क‍ि ज‍िन लोगों के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन की अध‍िकता होती है, उनके पेट और चेहरे पर वजन द‍िखता है. एक्‍सपर्ट की मानें तो खानपान और लाइफस्‍टाइल में बदलाव करके पेट और चेहरे की चर्बी को कम कर सकते हैं.  


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क्‍या है कोर्टिसोल हार्मोन ?  
कोर्टिसोल को स्‍ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है. कार्ट‍िसोल शरीर के कामकाज के लिए जरूरी है, क्‍यों‍क‍ि इससे मेटाबोल‍िज्‍म , एम्‍युन‍िटी और स्‍ट्रेस लेवल मैनेज होता है. कोर्टिसोल हार्मोन जीवन के लिए आवश्यक है, लेक‍िन अगर इसका लेवल  बढ़ा जाए तो यह वजन बढ़ाता है और किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.जब भी आप स्‍ट्रेस में होते हैं,तो शरीर की एड्रेनल ग्रंथियां  कोर्टिसोल बनाने लगती हैं. इससे तुरंत एनजी के लिए ब्‍लड शुगर लेवल बढ जाता है और मस्तिष्क ग्लूकोज का उपयोग बढ़ा देता है. 


क्‍या आप पर्याप्‍त नींद ले रहे हैं ? 
एक्‍सपर्ट मानते हैं क‍ि वजन बढ़ना तब देखा जाता है जब कोर्टिसोल का स्तर फैट रीड‍िस्‍ट्रीब्‍यूश के कारण बढ़ जाता है. दरअसल, कोर्टिसोल के कारण मांसपेशियों के ट‍िशू, एनर्जी के लिए अमीनो एसिड जारी करते हैं और इसके ल‍िए उन्‍हें टूटना पड़ता है. इससे मांसपेशियों का मास और मेटाबोलिक रेट कम हो जाता है. इसकी वजह से वजन बढ़ सकता है. इसकी वजह से वसा स्टोर होने लगता है, खासतौर से पेट के आसपास आंत की वसा और चेहरे पर चमड़े के नीचे की वसा जम जाती है. 


हाई कोर्टिसोल हानिकारक है क्योंकि इससे हृदय संबंधी समस्याएं, इंसुलिन प्रतिरोध जैसे चयापचय सिंड्रोम, टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है. इससे स्ट्रेस, डिप्रेशन और संज्ञानात्मक हानि जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं.  


कॉर्टिसोल को कैसे कंट्रोल करें 
एक्सपर्ट मानते हैं कि कॉर्टिसोल को कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए बस कुछ जीवनशैली में बदलाव करना होगा. जैसे कि हेल्‍दी खाा खाना, स्‍ट्रेस को मैनेज करना और कम से कम 30 मिनट एक्‍सरसाइज करना होगा. इसके साथ ही शराब या कैफीन पीने से बचना चाह‍िए और अच्छी नींद लेना भी जरूरी है.