Heart Attack Treatment: आजकल इंसान को तरह तरह की बीमारियों ने घेर रखा है, लेकिन काफी ज्यादा मौत हार्ट अटैक (Heart Attack) और  हार्ट फेलियर (Heart Failure) यानी कि ह्रदय गति रुक जाने से होती हैं. कुछ रिपोर्ट्स की माने तो हरसाल 2 करोड़ लोगों की मौत हार्ट प्रोबलम्स की वजह से होती है. इस साल हमने फिल्म और टेलीविजन जगत के कई सितारों को हार्ट अटैक और हार्ट फैल होने की वजह से खो दिया है.चाहे वो बॉलीवुड सिंगर केके (Singer KK) हों या फिर टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला (Sidharth Shukla). ज्यादातर सितारों की मौत का कारण दिल से जुड़ी बीमारियां हैं. तो ऐसे में जानना जरुरी है कि हार्ट अटैक की स्थिति में हमें क्या करना चाहिए और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे मरीज की जान बच जाए.


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क्या है हार्ट अटैक ?
हार्ट की धमनी यानी कोरोनरी आर्टरी में प्लाक जैसे तत्व जमा हो जाते हैं, जिससे खून के बहाव में रुकावट आती है. ऐसे में हृदय तक खून नहीं पहुंच पाता है और हार्ट अटैक आता है.


हार्ट अटैक आने की स्थिति में क्या करना चाहिए?
अस्पताल ले जाने में समय लग सकता हैं, ऐसे में पहले अपने लेवल पर शुरुआती इलाज देना शुरु कर दें. पीड़ित की छाती के बिलकुल बीच (Center Point) में तेजी से धक्का दें. सेंटर प्वॉइंट को प्रेस करने से सांस आ जाती है. मरीज को होश में लाने के लिए 1 मिनट में 100-120 बार धक्का देते रहें. लेकिन ध्यान रहे मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने की कोशिश करें. इस प्रॉसेस को सीपीआर (CPR) कहा जाता है, अगर ये तरीका वक्त रहते अपनाया जाए तो मरीज की जान बच सकती है.
 




हार्ट के मरीज को  क्या नहीं खाना चाहिए?
हार्ट की समस्या का सबसे बड़ा कारण खराब खानपान और बेकार लाइफस्टाइल है. हार्ट अटैक के मरीज का खान-पान हेल्दी होना बेहद जरुरी है. कोई भी ऐसा फूड जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो बिलकुल इग्नोर करना चाहिए. जैसे तला हुआ खाना, मसालेदार खाना, फास्ट फूड, फैटी खाना, शराब और धूम्रपान (बीड़ी, सिगरेट), इसके अलावा लाल मांस और प्रोसेस्ड फूड भी नहीं खाना चाहिए.


कैसे होता है हार्ट का इलाज?

एंजियोप्लास्टी
दिल का दौरा आने के बाद आमतौर पर एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या बायपास सर्जरी की जाती है.एंजियोप्लास्टी में ब्लॉक हुई ब्लड वेसेल्स को साफ किया जाता है. जिससे खून का थक्का हट जाता है और रक्त का प्रवाह ठीक से होने लगता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक आने के 1-2 घंटे के भीतर एंजियोप्लास्टी कर देना चाहिए. उसके बाद भी कम से कम 48 घंटे तक मरीज को अस्पताल में रखने की सलाह दी जाती है.


कोरोनरी आर्टरी स्टेंट
कई बार एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) के बाद कोरोनरी आर्टरी (Coronary Artery) में स्टेंट (Stent) डाले जाते हैं. ये नसों के सिकुड़ेपन को खत्म कर देते हैं, जिससे ब्लड फ्लो सही तरीके से होने लगता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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