नई दिल्लीः होली हर्ष, उल्लास और रंगों का त्योहार होता है. हर तरफ रंग ही रंग उड़ता है, ऐसे में अपनी त्वचा और बालों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है. क्योंकि अगर ऐसा न किया जाए तो रंगों में मौजूद कैमिकल से स्किन में खुजली, रैशेज और पिंपल्स की समस्या होने लगती है. कई बार तो कैमिकल के रिएक्शन के चलते हालत इतनी खराब हो जाती है कि पूरा चेहरा ही पिंपल्स का घर लगने लगता है. ऐसे में जरूरी होता है कि होली खेलने से पहले इससे सुरक्षा के उपाय निकाल लिए जाएं और इसके बाद ही होली का लुत्फ उठाया जाए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

होली में रंगों में मौजूद कैमिकल से बचाव का सबसे आसान और अच्छा तरीका है हर्बल रंगों का इस्तेमाल. इसके इस्तेमाल से न सिर्फ आप रंगों से होने वाले नुकसान से खुद को बचाते हैं, बल्कि इन्हें निकालना भी बेहद आसान होता है. इसके लिए आप चुकंदर, मेहंदी और फूलों को अपने किचन में इकट्ठा करना शुरू कर दीजिए, ताकि आपको हानिकारक रासायनिक रंगों से होली नहीं खेलना पड़े.


15 मार्च को बरसाने में मनाई जाएगी लट्ठमार होली, CCTV और ड्रोन से होगी नजर 


- नारंगी रंग बनाने के लिए आप रात भर मेहंदी की पत्तियों को पानी में डालकर छोड़ दें और सुबह उसी पानी को होली के रंग के तौर पर इस्तेमाल करें. 


- गहरा गुलाबी रंग (मैजेंटा) बनाने के लिए चुकंदर के कुछ टुकड़ों को एक कप पानी में उबाल लीजिए और फिर अगले दिन इससे होली खेलें. 


- पीला रंग बनाने के लिए लाल रंग के फूलों को पानी में भिगो दे इससे पानी का रंग हल्के पीले रंग का हो जाएगा. इसके अलावा आप हल्दी का इस्तेमाल भी पीला रंग बनाने में कर सकते हैं.


- हरा रंग बनाने के लिए पालक को पानी में भिगों दीजिए और फिर रंग हरा हो जाने पर उस पानी से होली खेलें.


पटना: सरकारी कर्मियों को नीतीश सरकार ने दिया होली गिफ्ट


- नीला रंग बनाने के लिए ब्लूबेरी के रस का इस्तेमाल कीजिए. 


- अगर सूखे रंग से होली खेलना हो तो चावल के आटे में फूड कलर मिला लीजिए और इसमें दो छोटा चम्मच पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. इसे सूखने के लिए छोड़ दें और फिर इसे मिक्सर में पीस लीजिए, इससे यह पाउडर बन जाएगा और इससे होली खेलें.