त्योहारों के सीजन में हर जगह तरह-तरह की मिठाइयों की भरमार होती है. शादी-ब्याह, जन्मदिन और त्योहारों पर परिवार के साथ बैठकर मिठाइयों का आनंद लेना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है. परंतु, मीठे की इस छोटी-सी आदत का असर हमारी सेहत पर बहुत गहरा पड़ सकता है. अक्सर हम यही सोचते हैं कि सिर्फ एक या दो टुकड़े खाने से क्या फर्क पड़ेगा? लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, ये कुछ ग्राम मिठाई धीरे-धीरे आपके वजन को किलो में बढ़ाने का कारण बन सकते हैं.


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मिठाई में भारी मात्रा में चीनी और घी होता है, जो दोनों ही कैलोरी से भरपूर होते हैं. जैसे कि एक गुलाब जामुन में लगभग 150 से 200 कैलोरी होती हैं. इसी तरह, बर्फी, रसगुल्ला और अन्य मिठाइयां भी कैलोरी में ज्यादा होती हैं. मिठाई का सेवन ज्यादा करने से शरीर में तुरंत ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है. ब्लड शुगर में तेजी से उछाल आने पर शरीर में इंसुलिन का स्राव बढ़ जाता है, जिससे एक्स्ट्रा ग्लूकोज को फैट के रूप में संग्रहित कर लिया जाता है. लगातार ऐसा होने से शरीर में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है और वजन बढ़ना स्वाभाविक हो जाता है.


मिठाई में चीनी के अलावा सैचुरेटेड फैट का भी योगदान रहता है. घी, मक्खन और तेल से बनी मिठाइयां हाई कैलोरी के साथ-साथ सैचुरेटेड फैट भी भरपूर मात्रा में देती हैं. सैचुरेटेड फैट शरीर में जल्दी जमा हो जाती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, मिठाई में फाइबर की कमी होती है, जिससे पेट जल्दी भरता नहीं है और जल्दी भूख लगने लगती है. यह हमें बार-बार मिठाई खाने की आदत में डाल सकता है, जिससे डेली कैलोरी का सेवन भी बढ़ जाता है. मिठाई खाने के बाद भी अगर आप दूसरे फूड्स खाते हैं, तो कैलोरी की मात्रा बढ़ने लगती है और वजन में वृद्धि होने लगती है.


कैसे करें मिठाई का सेवन संतुलित?
- मिठाई का आनंद लेते समय इसे सीमित मात्रा में खाएं. अपनी पसंद की मिठाई का एक टुकड़ा लें और हर बाइट को अच्छी तरह से एन्जॉय करें.
- मिठाई खाने से पहले मुट्ठीभर मेवे जैसे कि बादाम या अखरोट लें. इससे शुगर की ऑब्जर्ब प्रक्रिया धीमी हो जाती है.
- घर पर बनी मिठाई खाएं जिसमें चीनी और घी की मात्रा कंट्रोल में हो. ड्राई फ्रूट या गुड़ से बनी मिठाइयों को प्रायोरिटी दें.
- मिठाई को विशेष अवसरों के लिए ही रखें और इसे रोजाना सेवन में शामिल न करें.