लॉकडाउन न्यू नॉर्मल है. इस समय फैशन में है टीशर्ट. अधिकांश युवा घर से काम करते समय टी शर्ट के साथ शॉर्ट या पैजामा में कम्फर्टेबल महसूस करते हैं. इस समय जब काम से ज्यादा तनाव का प्रेशर है और लोग अपना तनाव घटाने के लिए नए-नए उपाय कर रहे हैं, टीशर्ट एक स्टैस बस्टर बन कर सामने आया है. चलिए जानते हैं कैसे?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

टीशर्ट के साथ करें प्रयोग


टीशर्ट इन दिनों युवाओं का कैनवास बन गया है, जिस पर वे कलर ब्रश, कलर पेन और आईल पेंट से नई इबारत लिख रहे हैं. फैशन डिजाइनर और ट्रेंड सेटर माइकल कहते हैं, ‘यह फैशन सबसे पहले रशिया में देखा गया. वहां कॉलेज के स्टुडेंट्स ने टाइम पास करने के लिए टीशर्ट को कलर करना शुरू किया. यही नहीं, वे उसमें इंस्पाइरिंग कोटेशन लिख कर सोशल मीडिया पर डालने लगे. वहां से इस फैशन ने तूल पकड़ा.’


टीशर्ट पर बनाइए कलाकृति


अगर टीशर्ट सॉलिड कलर में है, तो इसमें पेंटिंग करना आसान है. अपनी पसंद की आकृति पहले पेंसिल से ड्रा कीजिए फिर उसमें एक्रेलिक या आइल कलर भरिए. सबसे अच्छा हो कि आप कपड़े पर फैब्रिक कलर का ही उपयोग करें. इससे रंग परमानेंट रहेगा. एक टीशर्ट को कलर करने में दो घंटे लग सकते हैं. अगर कोई बारीक डिजाइन बना रहे हैं तो दो-तीन दिन भी लग सकते हैं.


ग्रेफिटी हो रहा है लोकप्रिय


टीशर्ट के सामने और पीछे कुछ लिखने का रिवाज बढ़ता जा रहा है. कोई अपनी लिखी कविता लिख रहा है, तो कोटेशन लिख रहा है. कोरोना के बारे में कई चीजें लिखी जा रही है. मनोचिकित्सक मानते हैं कि इस समय किसी भी किस्म का आर्ट स्ट्रेस बस्टर साबित हो सकता है. इससे युवाओं का माइंड डाइवर्ट होगा, नेगेटिव सोच से दूर रहेंगे और अपनी बनाई कलाकृति देख कर उनमें पॉजिटिव सोच आएगी.


बिजनेस का विकल्प भी


हाथ से ड्रा किए टीशर्ट का मार्केट भी बढ़ रहा है. कई युवा सोशल साइट्स के जरिए इस तरह के टी शर्ट बेच रहे हैं. कभी-कभी वे किसी कॉज के लिए टीशर्ट बना कर बेचते हैं तो कभी पॉकेट मनी कमाने के लिए. पेंटिंग करने के लिए सबसे सही कपड़ा कॉटन या होजियरी मैटीरियल रहता है. सिंथेटिक कपड़े में पेंटिंग करना या ग्रेफिटी लिखने में दिक्कतें आती हैं. यही नहीं, इनकी ड्यूरेबिलिटी भी ज्यादा नहीं होती. वैसे पेंटिंग के लिए सबसे मुफीद सफेद रंग की टीशर्ट है.