वैसे तो अच्छे खाने की परिभाषा सबके लिए स्वाद के अनुसार, अलग-अलग हो सकती है. किसी को फ्रेंच खाना पसंद होता है, तो कुछ इटालियन फूड्स के दिवाने होते हैं. लेकिन एक संस्था है जो खाने को सेहत और पर्यावरण के नजरिए से सेफ्टी के अनुसार फूड्स को रेटिंग करती है. 


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ऐसे में हाल ही में जारी "लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट" ऐसे देशों की पहचान की गयी है, जहां सबसे अच्छा और खराब खाना मिलता है. खास बात यह है कि भारत इस लिस्ट में सबसे टॉप पर है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने G20 देशों में सस्टेनेबल फूड कंजप्शन के मामले में सबसे आगे है. माना जा रहा है कि यदि दुसरे देश भी इसके खाने के तौर तरीकों को अपनाएं तो  2050 तक जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है. 


इंडियन फूड इज द बेस्ट!

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का खाना सबसे अच्छा और सुरक्षित है. इसके बाद दूसरे और तीसरे स्थान पर इंडोनेशिया और चीन आते हैं. यहां के खाने को भी पर्यावरण के नजरिए से टिकाऊ आहार की आदतों के लिए मान्यता प्राप्त हुई है. 


ये विकासशील देश रह गए पीछे

अमेरिका, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में खाद्य उपभोग के मामले में सबसे कम टिकाऊ कल्चर देखा गया है. रिपोर्ट ने इंटरनेशनल लेवल पर फैट और शुगर के बहुत ज्यादा उपभोग पर चिंता जताई है, जो इन देशों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि फैट और शुगर मोटापे जैसे गंभीर समस्याओं के लिए जिम्मेदार होते हैं. वर्तमान में, 2.5 अरब से अधिक वयस्कों को अधिक वजन वाले कैटेगरी में रखा गया है, जिसमें लगभग 890 मिलियन लोग मोटापे से ग्रस्त हैं.

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भारत का नेशनल मिलेट कैंपेन चर्चा में

रिपोर्ट में भारत के नेशनल मिलेट कैंपेन पर भी जोर दिया गया है, जो पुराने समय से इस्तेमाल होने वाले अनाजों के सेवन को बढ़ावा देने का एक प्रयास है. ये अनाज न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रति भी अधिक सहनशील हैं. 
 


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