एजिंग एक नेचुरल प्रोसेस है, लेकिन इस पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक सालों से रिसर्च कर रहे हैं. इस दौड़ में सबसे आगे कोरिया के वैज्ञानिक हैं. इन्होंने IU1 नामक एक दवा की खोज की है जो उम्र बढ़ने से संबंधित बीमारियों से लड़ने में कारगर साबित हो रही है.


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यह दवा प्रोफेसर सेओगांग ह्यून के गाइडेंस में कोरिया में चुंग-आंग यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च टीम बनाई है. ऑटोफैगी जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी ने प्रमुख प्रोटीन गुणवत्ता नियंत्रण प्रणालियों, प्रोटीसोम्स और ऑटोफैगी के बीच संबंधों की जांच की, और एंटी-एजिंग प्रभावों वाली एक दवा की पहचान की है. 


चूहों पर हुआ ट्रायल

शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में चूहों पर दवा का परीक्षण किया. परिणामों से पता चला है कि दवा ने चूहों की उम्र बढ़ाने की प्रक्रिया को धीमा कर दिया. इसके साथ ही चूहों में ऊर्जा स्तर में वृद्धि, त्वचा की स्थिति में सुधार और संज्ञानात्मक कार्यक्षमता में बढ़ोतरी देखी गई. ये सभी संकेत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि दवा में एंटी-एजिंग गुण हो सकते हैं.

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अभी ह्यूमन ट्रायल बाकी

शोधकर्ताओं का कहना है कि हम चाहते हैं कि यह दवा न केवल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करे, बल्कि लोगों के जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करे. उन्होंने आगे बताया कि अगले चरण में दवा के मानव परीक्षण किए जाने की योजना है, जो इसके प्रभाव को और स्पष्ट करेगा.

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.