म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट यानि संगीत के उपकरण (खासकर पियानो) बजाने से दिमाग को तेज रखने में मदद मिल सकती है. यह दावा हाल में हुए एक लेटेस्ट रिसर्च में किया गया है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि संगीत सीखने से मेमोरी बढ़ती है और कठिन कामों को हल करने की क्षमता में सुधार होता है.


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ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सटर के शोधकर्ताओं ने 40 साल से अधिक उम्र के एक हजार से ज्यादा वयस्कों के आंकड़ों की समीक्षा की और यह देखा कि म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाने या गाना बजाना सीखने का उनके दिमाग की सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है.


गाना भी सेहतमंद
उनके रिसर्च से यह भी पता चलता है कि गाना गाने से भी दिमाग की अच्छी सेहत से जुड़ा है, हालांकि टीम ने कहा कि यह गाना बजाना सीखने के दौरान बनने वाले सामाजिक संबंधों के कारण भी हो सकता है. उनका अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ जेरियाट्रिक साइकियाट्री में प्रकाशित हुआ है.


रिसर्च
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के संगीत के अनुभव और जीवन भर संगीत के संपर्क के साथ-साथ उनके कॉग्नेटिव टेस्टिंग के परिणामों की समीक्षा की. ये प्रतिभागी प्रोजेक्ट अध्ययन का हिस्सा थे, जो पिछले 10 वर्षों से चल रहा है और इसमें 25 हजार से अधिक लोग शामिल हैं. अध्ययन की लेखक एनी कॉर्बेट ने कहा कि कुल मिलाकर, हमें लगता है कि संगीत दिमाग की सेहत के लिए फायदेमंद है और यह ब्रेन के लचीलेपन को भी बढ़ा सकता है, जिसे संज्ञानात्मक रिजर्व कहा जाता है. उन्होंने आगे कहा कि कहा डिमेंशिया वाले व्यक्तियों के लिए संगीत ग्रुप एक्टिविटी के लाभ के लिए काफी सबूत हैं.


तो जरा सोचिए, अगर संगीत के जादू से हम बुढ़ापे में भी दिमाग को तेज रख सकते हैं, तो देर किस बात की? पियानो का साथी बनिए या किसी म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट से दोस्ती करिए और अपने दिमाग को संगीत की लय में बह जाने दीजिए.