नई दिल्ली: हमारे आस-पास कई तरह के लोग होते हैं (Types Of Neighbors). कुछ बहुत अच्छे और मिलनसार होते हैं, कुछ हर चीज में ताक-झांक करने वाले तो कुछ बहुत झगड़ालू (Quarrelsome Neighbors) होते हैं. एक सोसाइटी में रहने की वजह से हम लोग बहुत समय तक अकेले या बिना किसी से बात किए नहीं रह सकते हैं. ऐसे में अगर पड़ोसी झगड़ालू (Quarrelsome Neighbors) निकल जाए तो कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रिश्ते (Relationship) बिगड़ने के साथ ही मूड और माहौल भी बिगड़ने लगता है.


झगड़ालू पड़ोसी से कैसे निपटें?


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अगर आपके पड़ोसी हर छोटी-बड़ी बात पर लड़ने-झगड़ने या टोकने के मौके ढूंढते रहते हैं तो आपका उनसे परेशान होना वाजिब है. कई बार तो हालात ऐसे हो जाते हैं कि लोगों को अपना मोहल्ला या सोसाइटी छोड़नी तक पड़ जाती है. अगर आपके आस-पास भी झगड़ालू लोग रहते हैं तो जानिए हर स्थिति में उनसे डील करने के तरीके (Relationship Tips To Deal With Quarrelsome Neighbors).


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शोर करने पर समझाएं जरूर


कुछ लोगों की दिन-रात बहुत ज्यादा शोर करने की आदत होती है. अगर आपके आस-पास भी बेवजह शोर करने वाले लोग मौजूद हैं तो उनसे बात करें. उन्हें समझाने की कोशिश करें कि उनकी इस हरकत से आपको कितनी परेशानी होती है. अगर वे कई बार समझाने पर भी न मानें तो सोसाइटी (Society) के सेक्रेटरी या आस-पास के लोगों से मदद लें.


कुछ बातों को नजरअंदाज करना जरूरी


अगर आपके पड़ोसी रोजाना आपसे झगड़ने (Quarrelsome Neighbors) के मौके ढूंढते हैं या बिना बात के आपको परेशान करते हैं तो उन्हें नजरअंदाज करना शुरू कर दे. अगर आप भी उन्हें पलट कर जवाब देने लगेंगे तो आप दोनों में कोई अंतर नहीं रहेगा. इसलिए बेहतर रहेगा कि इसे उनकी आदत समझ कर आप ही मैच्योरिटी (Maturity) से पेश आएं. आपके शांत व्यवहार से वे कुछ ही दिनों में बदल जाएंगे.


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घर से रखें दूर


झगड़ालू पड़ोसियों (Quarrelsome Neighbors) को अपनी पर्सनल लाइफ से कुछ दूरी पर ही रखना बेहतर होता है. दरअसल इन लोगों को दूसरों की पर्सनल लाइफ के बारे में जानने की काफी रुचि होती है. जब आप इनसे ज्यादा बात ही नहीं करेंगे तो इन्हें मसाला भी नहीं मिल पाएगा. फिर ये गॉसिप किस बात की करेंगे?


दुख में निभाएं साथ


किसी से दूरी बनाने का यह मतलब नहीं है कि आप जरूरत पड़ने पर भी उनके साथ न खड़े रहें. अगर वे तकलीफ में हों या उनके साथ कुछ बुरा हुआ हो तो उनका साथ जरूर दें. हो सकता है कि आपके पॉजिटिव एटिट्यूड (Positive Attitude) से उनका व्यवहार भी कुछ हद तक बदल जाए.


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