ये कहानी है प्रिया (बदला हुआ नाम) की. जिसकी शादी को चार साल हो गए हैं. जैसा कि अमूमन परिवारों में होता है कि ब्याह के 1-2 साल बाद मां बनने के के लिए कहा जाता है. इसमे कोई शक नहीं है कि दुनिया में सबसे अनमोल अहसास मां बनना होता है. लेकिन ये फैसला किसका होना चाहिए? पति-पत्नी का या समाज का. कई बार तो पति भी परिवार और सोशल दबाव के चलते औरत पर बच्चे करने का प्रेशर करता है. अब इस स्थिति में एक महिला क्या सोचती है. ये बता रही हैं प्रिया. जिन्होंने अपनी पहचान उजागर करने से मना किया है. पढ़िए उन्हीं की जुबानी.


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मैं प्रिया हूं. दिल्ली के सागरपुर में रहती हूं. मेरी अरेंज मैरिज थी. मेरे पति सीए हैं. वह बहुत ही अच्छे और समझदार है. मुझे शादी के बाद किसी चीज की कमी नहीं होने दी. मैं खुद MA कर चुकी हूं. कोई जॉब तो मेरे पास नहीं है लेकिन पति के ऑफिस में हाथ बंटाती हूं. वह बहुत अच्छे हैं, उन्होंने न तो मुझे कभी कपड़ों को लेकर कुछ रोक-टोक की है न ही नौकरी-चाकरी को लेकर.


लेकिन मैं खुद एक सोच में हूं. अक्सर रिश्तेदार और सास-ससुर बच्चे करने के लिए कहते हैं. कुछ तो ताने भी मारते हैं कि चार साल हो गए हैं लेकिन अब तक कोई औलाद नहीं है. जैसे-तैसे रिश्तेदारों से तो मैं निपट ही रही हूं लेकिन अब ये सोचती हूं कि पति से कैसे बात करूं? मेरे दिल-दिमाग में क्या चल रहा है, उनसे क्या और कैसे कहूं? 


दरअसल बात ये है कि मुझे मां बनने की इच्छा नहीं है. मैं बच्चे करना नहीं चाहती हूं. मैं पति के साथ बहुत खुश हूं. उनके हर कदम के साथ कदम मिलाकर चलने को तैयार हूं. लेकिन मैं बच्चे नहीं करना चाहती हूं. मुझे डर इस बात का है कि मैं अपने पति से क्या और कैसे कहूं. कभी कभी डर लगता है कि वह नाराज न हो जाए. ये टेंशन भी रहती है कि मेरी शादीशुदा जिंदगी इस बात पर बिगड़ न जाए. मैं सोचती हूं कि मेरे पति को इस बात के लिए कैसे मनाऊं?


कई औरतों की है ये कहानी



सिर्फ प्रिया ही नहीं, ऐसी कई महिलाएं हैं जो ऐसा सोचती है. हाल में ही मशहूर टीवी एक्ट्रेस जयति भाटिया ने भी इस पर अपनी राय रखी. उनकी शादी को 32 साल हो गए हैं लेकिन उन्होंने बच्चे नहीं किए. उनका कहना है कि वह जैसी हैं वैसी ही खुश हैं. न ही उन्हें कोई अफसोस है. वह नहीं चाहती कि देश की पॉपुलेशन में बढ़ती रहे.  


कई महिलाएं हैं जो इसपर अपनी राय रखती हैं
वहीं, सोशल मीडिया साइट 'रेडिट' पर भी इसे लेकर कई लोगों ने अपनी अपनी बातें रखी. जहां 'वो लोग जो बच्चे नहीं करना चाहते हैं. क्या कारण है?' इस टॉपिक पर बातचीत शुरू हुई. जहां सिर्फ महिलाओं ने नहीं बल्कि पुरुषों ने भी अपना पक्ष रखा. एक यूजर ने लिखा, 'ये काफी अनपॉपुलर राय है. लेकिन कुछ न करने के लिए जरूरी नहीं कि कारण बताया जाए. मैं बच्चे न करने के पक्ष में नहीं हूं लेकिन हर इंसान का अपना फैसला होता है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए. हो सकता है कि पहले के जमाने में ज्यादा दबाव रहा हो लेकिन अब समाज और चीजें सब बदल गया है.'


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कारण देना जरूरी नहीं


वहीं एक अन्य महिला ने लिखा, '100 फीसदी सही. मुझे क्यों अपने फैसले को जस्टिफाई करना है. मैं नर्स के रूप में काम नहीं करना चाहती. बस ये मेरा फैसला है. इसी तरह मुझे बच्चे नहीं चाहिए तो बात खत्म. हमें क्यों हर चीज की सफाई देनी होती है.'


औरतें के मन में उठते सवाल



वहीं एक ने कहा, 'मेरा बस इतना कहना है कि जब तक 'क्या आप बच्चा करना चाहते हैं?' इसका सही जवाब न मिल जाए तब तक नहीं करना चाहिए'. एक ने लिखा, 'बच्चों के बिना जिंदगी पहले से ही काफी कठिन और व्यस्त है. मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि मैं सारा दिन उनका ख्याल कैसे रखूंगा.'


क्या कहना है इनका
एक और यूजर लिखते हैं, 'मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं, लेकिन मैं अपनी जिंदगी और शरीर को पूरी तरह से बदलना नहीं चाहती. मुझे स्वार्थी होना पसंद है. मेरी सभी शामें और वीकेंड मेरे हाथ में है. मैं सो सकती हूं और कहीं आने जाने के लिए भी आजा हूं.किसी और के लिए जिम्मेदारी लेने की ताकत नहीं है.'