Son In Law: बेटी की शादी के बाद दामाद के साथ रिश्ता बहुत ही अहम होता है, क्योंकि ये न सिर्फ दो लोगों को जोड़ता है, बल्कि दो परिवारों के बीच भी एक नया संबंध स्थापित करता है. इस रिश्ते में आपसी सम्मान और समझ का होना बेहद जरूरी है, जिससे दोनों परिवारों के बीच प्यार और अच्छा व्यवहार बना रहे. लेकिन कई बार अनजाने में कही गई कुछ बातें रिश्ते को बिगाड़ सकती हैं. हम यहां कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिन्हें दामाद के सामने नहीं कहना चाहिए वरना रिश्ता बिगड़ सकता है.


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दामाद पर ऐसे कमेंट करना गलत


1. "तुम्हारी इनकम कम है"


दामाद की आमदनी या उसके पेशे पर सवाल उठाना बहुत नेगेटिव असर डाल सकता है. चाहे उसकी इनकम कम हो या ज्यादा, हर इंसान अपने हिसाब से मेहनत करता है. इस तरह की टिप्पणियों से दामाद को लो कॉन्फिडेंस फील हो सकता है और रिश्ते में दूरियां बढ़ सकती हैं.


2. "तुम्हें हमारी बेटी का ध्यान रखना चाहिए"


बेटी की जिम्मेदारी और देखभाल की फिक्र होना लाजमी है, लेकिन ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि आपकी बेटी अब एक अलग घर की सदस्य है. दामाद को बार-बार यह बताने से कि वो आपकी बेटी का ध्यान रखे, उसे ये महसूस हो सकता है कि आप उसके फैसलों पर भरोसा नहीं करते. इससे रिश्ते में तनाव आ सकता है.


3. "तुम्हारे परिवार का बिहेवियर ठीक नहीं है"


दामाद के परिवार के बारे में नेगेटिव कमेंट करना लड़ाई की वजह बन सकता है. हर परिवार का अपना तौर तरीका और कल्चर होता है. अगर कोई मुद्दा है, तो उसे शांति से और सम्मान के साथ उठाएं, लेकिन किसी भी हाल में उसके परिवार को नीचा दिखाने की कोशिश न करें।


4. दामाद की तुलना किसी और से करना


दामाद की तुलना किसी दूसरे इंसान से करना, चाहे वो आर्थिक स्थिति हो, रुतबा हो, या किसी दूसरे पहलू को लेकर, ऐसा करना रिश्ते में कड़वाहट ला सकता है. हर शख्स की अपनी खूबियां और कमियां होती हैं. तुलना करने से आत्मविश्वास कम हो सकता है, इससे दामाद के दिल में आपके लिए सम्मान कम हो जाएगा.


5. "हमारी बेटी पहले ऐसी नहीं थी"


ऐसे अल्फाज आपके दामाद को सीधे तौर पर ये मैसेज देते हैं कि आपकी बेटी की आदतें या बिहेवयर ससुराल में आने के कारण बदला है. किसी भी इंसान का जीवन साथी के साथ रहकर बदलना नेचुरल है, लेकिन इस तरह का कमेंट से रिश्ते में खटास पैदा हो सकती है और दामाद को ये महसूस हो सकता है कि आप उसे दोषी ठहरा रहे हैं.


6. "हमारी उम्मीदें पूरी नहीं हो रही"


दामाद से अपनी उम्मीदों को बार-बार जाहिर करना उसे दबाव में डाल सकता है. उम्मीदें होना गलत नहीं है, लेकिन उन्हें बार-बार जताने से रिश्ते में बोझ बढ़ता है. एक अच्छा रिश्ता तभी बन पाता है जब दोनों साइड के लोग एक-दूसरे को समझें और बिना किसी दबाव के आदर दें.