Side Effects of Low Cholesterol Level: दिल की सेहत को बेहतर बनाने और हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए हमें कोलेस्ट्रॉल पर लगाम लगाने की सलाह दी जाती है, एलडीएल को कम करने के लिए अवेयरनेस होना जरूरी है, तभी हम अनचाही परेशानी से खुद को बचा पाएंगे, लेकिन लोग कोलेस्ट्रॉल घटाने के चक्कर में इसका लेवल काफी कम कर देते है जिससे नुकसान हो सकता है.


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शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल जरूरी
कोलेस्ट्रॉल को हम हमेशा सेहत के विलेन के तौर पर देखते हैं, लेकिन गुड कोलेस्ट्रॉल हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमद है, इससे बॉडी के प्रोपर फंक्शन में मदद मिवती है जिसमें हार्मोंस का प्रोडक्शन और सेल मेमब्रेन का निर्माण शामिल है. इसलिए हम इसकी अहमियत को नकार नहीं सकते.


कोलेस्ट्रॉल घटने पर क्या होगा?
जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल काफी कम हो जाता है, तो ये सेहत से जुड़ी कई परेशानियों को जन्म दे सकता है, जैसे कि बिगड़ा हुआ ब्रेन फंक्शन, मांसपेशियों में कमजोरी, मूड डिसऑर्डर, और डिप्रेशन और यहां तक कि कैंसर सहित कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सही संतुलन बनाना जरूरी है, क्योंकि दोनों चरम सीमाएं, चाहे हद से ज्यादा हो या बेहद कम, बिलकुल सही नहीं है. आपको हमेशा इस बात का ख्याल रखना होगा कि ये लेवल ऑप्टिमम रेंज में हो ताकि ओवरऑल हेल्थ में कोई दिक्कत न आए.


 


कैसे पता करें कोलेस्ट्रॉल का लेवल?
कोलेस्ट्रॉल का लेवल पता करने के लिए आपको लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test) कराना होगा. इसमें खून का सैंपल लेकर जांच की जाती है. गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर 120 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम नहीं होना चाहिए. ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि 160 से 190 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर का रेंज सेहत के लिहाज से बिलकुल सही है. वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल का लेवल का लेवल 80 से 90 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए.