नई दिल्ली: भारत समेत पूरी दुनिया लंबे समय से कोरोना वायरस (Coronavirus) की मार झेल रही है. लेकिन अब लोगों में इसके साथ लड़ने का जज्बा आ गया है. कोरोना वायरस के चलते लंबे समय से ऑफिस बंद थे लेकिन अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं. लेकिन क्या आप पूरी तरह से तैयार हैं बाहर निकलने के लिए और ऑफिस के अंदर अपने साथियों के साथ बैठकर काम करने के लिए? आइए जानते हैं कैसे करें खुद को तैयार ताकि जान भी रहे और जहान भी.


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काम को मोटिवेशन बनाएं
हमें अपने काम को अपना मोटिवेशन बनाना चाहिए. उन चीजों की लिस्ट बनाएं, जिनके लिए आप काम पर जाते हैं. इससे हमें बाहर निकलकर अपना काम करने की हिम्मत और जज्बा आएगा. अपनी दिनचर्या या काम पर लौटने से हम बेहतर महसूस करेंगे. सामान्य दिनचर्या के लिए हमें उत्साह दिखाना ही होगा.


सुरक्षा-सावधानी से आत्मविश्वास बढ़ेगा
मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक बाहर निकलने पर विशेषज्ञों की ओर से सुझाए जा रहे वायरस के बचने के सुझाव का पालन करें. आप इनका जितना पालन करेंगे, उतना बाहर निकलने के लिए आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा. याद रखें कि आपको क्या सावधानियां बरतनी है.


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थोड़ा डर अच्छा है
मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि थोड़ा डर इस दौर में अच्छा है क्योंकि इससे लोग सतर्क रहेंगे. अगर लोग सिर्फ मास्क लगाकर बाहर निकल जाएंगे और संक्रमण से बचने के सोशल डिस्टेंसिंग जैसे मानकों का पालन नहीं करेंगे तो दिक्कत होगी. लोगों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें पूरी सतर्कता बरतनी है. इसके लिए खुद को हर वक्त मानसिक रूप से तैयार रखना है. हमेशा याद रहे कि अभी हम यह नहीं जानते कि हम पर या हमारे परिवार पर वायरस का कितना असर होगा.


भावनात्मक रूप से ऊर्जावान रहें
डॉ समीर पारिख के मुताबिक अपने परिवार और दोस्तों से जुड़े रहें. लोगों से कनेक्ट रहें. सहकर्मियों से भी बात करें. इससे आप भावनात्मक रूप से ऊर्जावान रहेंगे. खुद को अकेला कतई न छोड़ें.


बेचैनी को कम करें
हमें अपनी बेचैनी भी कम करनी होगी. विशेषज्ञों के मुताबिक जैसे ही हम मानते हैं कि बेचैनी आ रही है तो यदि उसी समय हम खुद को तैयार करें तो यह घटने लगती है. हम योग, गहरी सांस, माइंड फुलनेस, ध्यान या प्रार्थना से बचैनी दूर कर सकते हैं. वहीं खुश रहना सीखें. पोस्ट कोविड काल में खुश रहने का तरीका सीखना ज्यादा जरूरी हो गया है


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इन सलाह पर ध्यान दें
-इस वक्त को एक अवसर के रूप में लें क्योंकि हर बदलाव में अवसर होता है.
-पूरी योजना बनाकर रखें कि बच्चों और बुजुर्गों की हिफाजत के लिए क्या करना है.
-खासकर बच्चों को स्कूल भेजते समय की योजना अभी से बना लें.
-लॉकडाउन हटने पर अजनबियों से बातचीत करें.
-अपने बॉस से बातचीत करें और ऐसे काम करें जिसमें आप सहज नहीं हैं.


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