आजकल प्लांट बेस्ड डाइट का चलन तेजी से बढ़ा है. सेलेब्स से लेकर आम लोग तक मांसाहार को छोड़कर शाकाहारी लाइफस्टाइल को अपनाने लगे हैं. लेकिन हाल ही में आई एक चौंकाने वाली रिसर्च ने यह खुलासा किया है कि शाकाहारी भोजन करने वाले लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ रहा है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं.


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यह रिसर्च प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल द लैंसेट में प्रकाशित हुई है, जिसमें 'प्लांट-बेस्ड डाइटरी पैटर्न और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट की खपत' का अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में करीब दो लाख लोगों ने हिस्सा लिया और उनके खाने की आदतों का विश्लेषण किया गया.


क्या कहती है रिसर्च?
रिसर्च में पाया गया कि शाकाहारी और वीगन लोग, रेड मीट या अन्य मांसाहारी फूड खाने वालों की तुलना में ज्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाते हैं. शाकाहारियों ने मांसाहारियों की तुलना में 1.3% अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड खाया, जबकि वीगन लोगों ने 1.2% अधिक.


अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड के खतरे
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में ट्रांस फैट, अधिक मात्रा में नमक और शर्करा मौजूद होती है, जो मोटापा, डायबिटीज, दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का कारण बनती है. इन खाद्य पदार्थों में फाइबर की कमी होती है, जिससे डाइजेशन प्रभावित होता है और कब्ज जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.


क्या है समस्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि शाकाहारी लोग जब मांसाहार छोड़ते हैं तो अक्सर अपने भोजन में रेडी-टू-ईट मील, मीट सब्स्टीट्यूट्स और प्रोसेस्ड फूड्स को शामिल कर लेते हैं. इनमें अनहेल्दी फैट, कैलोरी और एडिटिव्स अधिक होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.


क्या करें?
विशेषज्ञों की राय है कि शाकाहारी भोजन में ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज को प्राथमिकता दी जाए. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें और घर का बना ताजा भोजन खाएं. बैलेंस डाइट अपनाकर न केवल वजन कंट्रोल किया जा सकता है बल्कि सेहत भी बेहतर बनी रहेगी.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.