Vitamin D Deficiency: विटामिन डी एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट की मात्रा को कंट्रोल करने में मदद करता है. यह हड्डियों, दांतों और मसल्स की सेहत में सुधार करने में मदद करता है. इसके अलावा, यह बच्चों में रिकेट्स जैसी हड्डियों की बीमारी के खतरे को और जवान लोगों में ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति के कारण होने वाले दर्द को भी रोकता है.


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विटामिन डी की कमी
शरीर में विटामिन डी की कमी से हड्डियों की डेंसिटी कम हो सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. विटामिन डी की ज्यादा कमी से बच्चों में सूखा रोग हो सकता है. कई रिसर्च ने विटामिन डी की कमी को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी ऑटोइम्यून स्थितियों सहित अन्य बीमारियों से भी जोड़ा है.


विटामिन डी की कमी के संकेत
शरीर में विटामिन डी का अच्छा लेवल हेल्दी इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में मदद करता है. इसका मतलब है कि यह फ्लू या सर्दी जैसे सामान्य संक्रमणों से लड़ने में मदद कर सकता है. हालांकि, विटामिन डी की कमी से आप बार-बार और नियमित रूप से बीमार पड़ सकते हैं.


विटामिन डी की कमी के लक्षण


  • थकान

  • नींद ना आना

  • हड्डियों में दर्द

  • डिप्रेशन या उदास महसूस करना

  • बालों का झड़ना

  • कम मसल्स

  • भूख ना लगना


विटामिन डी रिच फूड


  • ऑयली फिश जैसे- सैल्मन, सार्डिन, हेरिंग और मैकेरल

  • रेड मीट

  • लिवर

  • अंडे का पीला वाला हिस्सा

  • फोर्टिफाइड फूड


विटामिन डी सप्लीमेंट्स
सूरज की रोशनी के संपर्क में आना या विटामिन डी से भरपूर फूड खाना ही एकमात्र तरीका नहीं है जिससे आप अपनी दैनिक विटामिन डी की आवश्यकता को पूरा कर सकते हैं. एनएचएस के मुताबिक, चूंकि लोगों के लिए अकेले भोजन से पर्याप्त विटामिन डी ले पाना मुश्किल है, इसलिए सभी (गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं सहित) सर्दियों के मौसम में विटामिन डी सप्लीमेंट्स ले सकते हैं. हालांकि, विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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