History of Khichdi: मकर संक्रांति का त्यौहार नजदीक है. इस दिन कई लोग अपने घरों में खिचड़ी बनाते हैं. मकर संक्रांति के दिन घरों में खिचड़ी बनाने की परंपरा कई साल पुरानी है और इसे बेहद शुभ माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनियाभर में हेल्दी डाइट के लिए लोगों की पसंदीदा खिचड़ी का इतिहास 2500 साल से ज्यादा पुराना है. 14वीं सदी में मोरक्को यात्री इब्नबतूता ने भी इसका जिक्र किया है. 15वीं सदी के रूसी यात्री अफानासी निकितिन ने इसका बारे में बताया है. आपको बता दें कि खिचड़ी का चलन मुगल काल में और ज्यादा हो गया था. इस दौरान यह इतना मशहूर हुआ कि इसे शाही खाने की लिस्ट में भी शामिल कर दिया गया था. अबू फजल की आइन-ए-अकबरी में भी खिचड़ी के बारे में लिखा है.


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महाभारत से जुड़ा है खिचड़ी का इतिहास


भारत के सबसे पुराने महाकाव्य 'महाभारत' में खिचड़ी का इतिहास पढ़ने को मिलता है. इसमें कहा गया कि जब पावंड वनवास पर थे तब द्रौपदी ने पांडवों के लिए खिचड़ी पकाई थी. इसके आलवा सुदामा और कृष्ण की कहानी में भी खिचड़ी के बारे में बताया गया है. हिंदू संस्कृति में खिचड़ी को खास महत्व दिया गया है. मकर संक्रांति के दिन इसे पकाना बेहद शुभ होता है.


खिचड़ी खाने के फायदे


खिचड़ी पोषण से भरपूर होती है जो पाचन तंत्र से जुड़ी दिक्कतों को दूर करती है. शरीर के बढ़ते हुए मोटापे से यह आराम देती है. खिचड़ी का सेवन करने से शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं. इसके अलावा महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान भी यह अपच की दिक्कत को दूर करती है. डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को खिचड़ी बहुत फायदा पहुंचाती है. इसके रोजाना सेवन से वात, पित्त और कफ से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं. यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को दूरूस्त करके डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करने का काम करती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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