नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के साथ-साथ 4 राज्यों की विधानसभा के लिए भी मतदान हुआ है. 23 मई को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दिन ही आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजों का भी ऐलान किया जाएगा है. चारों ही राज्यों में विधानसभा के लिए वोटिंग हो चुकी है. इन सभी राज्यों में कैसा रहा जनता का मिजाजा? किसकी तरफ है सत्ता में आने के संकेत? इसे लेकर विधानसभा एग्ज़िट पोल 2019 का आज ऐलान किया जाएगा. ZEE न्यूज़ के महा Exit Poll 2019 में आपको इन चारों राज्यों में हुई वोटिंग पर जनता का रुझान देखने को मिलेगा.


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 ZEE न्यूज़ के महा Exit Poll 2019 के जरिए हम आपको बताएंगे कि इन चारों राज्यों में किस राजनीतिक दल को कितनी सीटें मिलने का अनुमान है और किस पार्टी की सत्ता में वापसी होना या उसकी विदाई की संभावना है. 


तमाम चैनलों के सर्वे के आधार पर ZEE NEWS भी 'poll of polls' सर्वे अपने दर्शकों के लिए पेश करेगा. टुडेज चाणक्‍य (Today's Chanakya), रिपब्लिक-सी वोटर (Republic-CVoter), एबीपी-सीएसडीएस (ABP-CSDS), न्‍यूज18-आईपीएसओएस (News18-IPSOS), इंडिया टुडे-एक्सिस (India Today-Axis), टाइम्‍स नाऊ-सीएनएक्‍स (Times Now-CNX), न्‍यूज एक्‍स-नेता (NewsX-Neta) अपने एग्जिट पोल पेश करेंगे. इनके आधार पर Zee News अपना महा Exit Poll पेश करेगा.


 



आंध्र प्रदेश की 175 विधानसभा सीटों का एक्जिट पोल 
2014 तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद आंध्र प्रदेश में पहली बार विधानसभा के चुनाव हुए हैं. यहां सत्ताधारी मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (टीआरएस), जगनमोहन रेड्डी की वाइएसआर कांग्रेस और अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना पार्टी (जेएसपी) के बीच मुख्य मुकाबला है. वैसे मैदान में बीजेपी और कांग्रेस पार्टी भी है लेकिन मुख्य मुकाबला क्षेत्रीय दलों के बीच ही है. राज्य की 15वीं विधानसभा के गठन के लिए 175 सीटों पर 11 अप्रैल को एक चरण में ही मतदान हुए थे. पवन कल्याण की जेएसपी ने इन चुनावों में बीएसपी, सीपीआई और सीपीएम के साथ गठबंधन किया है.


ओडिशा में नवीन पटनायक फिर करेंगे सत्ता में वापसी
ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों पर 4 चरणों में वोटिंग हुई है. यहां पिछले 19 साल से बीजू जनता दल का राज है और नवीन पटनायक लगातार 4 बार से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. लोकसभा चुनाव के सात चरणों के दौरान ही ओडिशा में 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को मतदान हुआ. ओडिशा में सभी 147 सीटों पर राज्य की सत्ताधारी बीजू जनता दल ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वहीं बीजेपी ने भी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी को उतारा है. यहां बीजेपी ने किसी भी राजनीतिक दल से कोई गठबंधन नहीं किया. वहीं कांग्रेस की बात करें तो यहां कांग्रेस पार्टी ने 139 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. बहुुजन समाज पार्टी ने 107 सीटों पर चनावी ताल ठोकी हैं. समता क्रांति दल और आम आदमी पार्टी 15-15 सीटों पर मैदान में है. वहीं ओडिशा विधानसभा चुनाव 2019 में अलग अलग सीटों से कुल 305 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में है.


सिक्किम की 32 सीटों पर किस तरफ है जनता का रुख
सिक्किम में विधानसभा की 32 सीटों के लिए 11 अप्रैल को एक ही चरण में मतदान हुुए थे. यहां मुख्य मुकाबला दोनों ही क्षेत्रीय दलों के बीच हैं. यहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) के पवन कुमार चामलिंग साल 1994 से लगातार मुख्यमंत्री हैं. इस बार उनका मुकाबला उनकी ही पार्टी से अलग होकर अलग पार्टी बनाने वाले सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKF) के प्रेम सिंह तमांग से है. दोनों ही पार्टियों ने राज्य की 32 की 32 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. 


अरुणाचल में क्या बीजेपी करेगी वापसी?
अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की 60 में से 57 सीटों पर 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी. यहां मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के बीच है. अरुणाचल प्रदेश की 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. फुर्पा तेसरिंग ने दिरांग, ताबा तेदीर ने येचुली और केंटो जीनी ने अलोंग सीट से जीत दर्ज कर ली है. वहीं अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता में वापसी के लिए राज्य के बेरोजगार युवाओं को 5000 रुपये प्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. 


उल्‍लेखनीय है कि एग्जिट पोल 2019 के नतीजे तभी घोषित किए जाएंगे जब लोकसभा के सभी सातों चरणों के चुनाव संपन्‍न हो जाएंगे. इस संबंध में चुनाव आयोग ने मार्च में जब चुनावी कार्यक्रम घोषित किया था तभी मीडिया के लिए भी एडवाइजरी जारी की थी कि 19 मई को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का चुनाव संपन्‍न होने के बाद ही एग्जिट पोल नतीजों को प्रसारित किया जा सकेगा. ये एडवाइजरी आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनावों के संबंध में भी लागू है. इस तरह 19 मई को लोकसभा के सातवें चरण का मतदान शाम को समाप्‍त होने के बाद ही एग्जिट पोल के नतीजे घोषित किए जाएंगे.


हालांकि ये भी सही है कि एग्जिट पोल (EXIT POLL) की भविष्‍यवाणियां हमेशा सही साबित नहीं होतीं लेकिन चुनावी विश्‍लेषकों की राय है कि इससे मोटेतौर पर उभरने वाले राजनीतिक परिदृश्‍य की संभावना के बारे में एक आइडिया मिलता है. वास्‍तव में एग्जिट पोल में ये होता है कि इस तरह का सर्वे करने वाली एजेंसियां वोट देने वालों से पूछती हैं कि उन्‍होंने आखिर किसे वोट दिया? उसी आधार पर वे अपने चुनावी ट्रेंड/ नतीजों की भविष्‍यावाणी करती हैं.