नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 में नेशनल कांफ्रेस अपने पुराने गढ़ बारामूला में विजय पताका फहराने में कामयाब होती है या पीडीपी एक बार फिर इस सीट से जीत हासिल करेगी. अब इस सवाल का जवाब 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के बाद ही साफ हो सकेगा. फिलहाल, जम्‍मू और कश्‍मीर की बारामूला संसदीय सीट पर पीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग सांसद हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में पीडीपी ने बारामूला से अब्‍दुल कयूम बानी को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की तरफ से एमएम वार, कांग्रेस से हाजी फारुक मीर और नेशनल कांफ्रेंस से मोहम्‍मद अकबर लोन चुनावी मैदान में हैं. 


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नेशनल कांफ्रेंस का गढ़ रही है बारामूला संसदीय सीट
जम्‍मू और कश्‍मीर की बारामूला को नेशनल काफ्रेंस पार्टी के गढ़ के रूप में देखा जाता रहा है. इस सीट से नेशनल कांफ्रेंस के वरिष्‍ठ नेता रहे सैफुद्दीन सोज चार बार सांसद रह चुके हैं. 1999 में बीजेपी को समर्थन देने से नाराज सैफुद्दीन सोज ने नेशनल कांफ्रेंस से इस्‍तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्‍वाइन कर ली थी. सैफुद्दीन सोच वही शख्‍स है, जिनके एक वोट की वजह से 13 महीने पुरानी अटल बिहारी सरकार गिर गई थी. बीते 2014 के लोकसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस की इस विरासत को पीडीपी छीनने में कामयाब रही. इस सीट से नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग को हराकर पीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग ने जीत दर्ज की थी. 


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बारामूला संसदीय सीट से कब-कब रहा कौन सांसद 
1967 और 1971 के लोकसभा चुनाव में सैयद अहमद आगा को बारामूला की सांसदी मिली. 1977 में नेशनल कांफ्रेंस के अब्‍दुल अहमद वकील और 1980 में ख्‍वाजा मुबारक शाह इस सीट से जीत दर्ज की. 1983 के उपचुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के सैफुद्दीन सोज जीते. वे 1984 और 1989 भी बारामूला से सांसद रहे. 1996 में इस सीट से कांग्रेस के गुलाम रसूल चुनाव जीते. 1998में सैफुद्दीन सोज ने एक बार‍ फिर बारामूला से जीत दर्ज की.  1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में नेशनल काफ्रेंस के अब्‍दुल रशीद शाहीन ने जीत हासिल की. 2009 में इस सीट से नेशनल कांफ्रेंस के ही शरीफुद्दीन शारिक सांसद बने. 


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2014 में पीडीपी को मिला बारामूला से पहला सांसद
2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 15 उम्‍मीदवारों ने अपनी किस्‍मत आजमाई थी. इस चुनाव में पीडीपी के मुजफ्फर हुसैन बेग ने 175277 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी. बारामूला संसदीय क्षेत्र से पीडीपी की यह पहली जीत थी. इस चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस के शरीफुद्दीन शारिक 1,46,058 वोट मिले. जबकि बीजेपी के गुलाम मोहम्‍मद मीर को 6545 वोट मिले थे. 2014 के इस लोकसभा चुनाव में 4568 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाकर चुनावी मैदान पर उतरे सभी 15 उम्‍मीदवारों को नकार दिया था. इस चुनाव में सात उम्‍मीदवार ऐसे भी थे, जिनकों एक फीसदी से कम वोट मिले थे.