नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार महागठबंधन में हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सीट शेयरिंग होने के बाद भी एक के बाद एक नए हंगामें सामने आ रहे हैं. महागठबंधन के बड़े दल आरजेडी और कांग्रेस अब आमने सामने दिख रही है. यहां तक कि अब सीटों को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में तनातनी शुरू हो गई है. हालांकि दोनों दलों के नेता सब कुछ ठीक होने का राग अलाप रहे हैं. लेकिन अब ऐसा महसूस किया जा रहा है कि बिहार कि सियासत ही बदलने वाली है.


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महागठबंधन में सीटों की संख्या को लेकर शुरू से ही खींचतान चल रहा था. लेकिन चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद आनन-फानन में सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया गया. हालांकि सीटों की उम्मीदवारी पर घमासान अंदर खाने जारी है और यह एक दो नहीं बल्कि करीब आधा दर्जन सीटों पर खींचतान चल रहा है.


गुरुवार (28 मार्च) को महागठबंधन उम्मीदवारों की फाइनल सूची की घोषणा करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के ऐलान के बाद इसे रद्द कर दिया गया. दरअसल आरजेडी ने कांग्रेस को कड़ा तेवर दिखाते हुए दरभंगा सीट से अब्दुल बारी सिद्दीकि को उम्मीदवार करार देने की बात सामने आई. जबकि कांग्रेस दरभंगा से कीर्ति आजाद को टिकट देने के पक्ष में हैं. वहीं, औरंगाबाद, सुपौल, मधेपुरा, काराकाट समेत कई सीटों को लेकर आरजेडी और कांग्रेस में बात नहीं बन पा रही है.


वहीं, अब खबर आ रही है कि आरजेडी के अंदर भी टूट होनेवाला है. लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव का विद्रोह सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि तेजप्रताप यादव बिहार के दो सीट शिवहर, जहानाबाद से उम्मीदवार खड़ा करने जा रहे हैं. तेजप्रताप यादव ने कहा है कि जनता से बात करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है तेजस्वी यादव उनकी बात को मान लेंगे.



लेकिन माना जा रहा है कि तेजप्रताप यादव आरजेडी में अब अपना तेवर दिखा रहे हैं. उम्मीदवारों को लेकर आरजेडी में पहले से ही घमासान मचा है. वहीं, अब तेजप्रताप यादव के द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा करने से आरजेडी के अंदर ही मुश्किलें बढ़ने वाली है.


इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने काराकाट सीट पर दावा कर दिया है. इससे आरएलएसपी की भी मुश्किलें बढ़ गई है. काराकाट सीट पर उपेंद्र कुशवाहा ने पहले ही अपना दावा किया है और वह इस सीट से सांसद भी हैं. लेकिन कौकब कादरी का कहना है कि कांग्रेस काराकाट सीट पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस हर जगह समझौता क्यों करे.


ऐसे में महागठबंधन में महाहंगामा साफ दिख रहा है. वहीं, अगर यह महाहंगामा जारी रहा तो बिहार की सियासत जरूर बदल जाएगी. क्योंकि दूसरी ओर पप्पू यादव और कन्हैया कुमार अब एक साथ आ गए हैं. और माना जा रहा है कि महागठबंधन से अलग यह दोनों तीसरा मोर्चा बना सकते हैं.