नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के लिए मतदान संपन्न हो गया है. वहीं, अब दूसरे चरण का मतदान 18 अप्रैल को होना है. लेकिन जेडीयू पार्टी द्वारा घोषणा पत्र जारी नहीं किए जाने पर बिहार से लेकर अब देश की सियासत तेज हो गई है. इस मामले में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार का कोई मिशन ही नहीं है.


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दरअसल, जेडीयू ने घोषणा पत्र जारी करने के लिए पहले 9 अप्रैल और फिर 14 अप्रैल की तारीख तय की थी. लेकिन मेनिफेस्टो जारी नहीं किया गया. जिसके बाद विरोधी दल जेडीयू पर तंज कस रहे हैं. हालांकि जेडीयू नेता का कहना है कि यह उनकी पार्टी की अलग रणनीति है.



वहीं, कांग्रेस ने नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने भी नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि, नीतीश कुमार के पास कोई मिशन ही नहीं है. और उनके पास कुछ है ही नहीं तो वह घोषणा पत्र क्या लाएंगे. उनका सभी पैसा तो बीजेपी के पास है.


विपक्षी राजद के नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी का कहना है कि अब घोषणा पत्र को लेकर राजनीतिक दल सक्रिय नहीं रहते हैं.


घोषणा पत्र को राजनीतिक दलों की नीतियों की कुंजी माना जाता है, चुनाव के दौरान जो वादे किये जाते हैं. सरकार बनने पर उन पर अमल करने की परंपरा रही है. अगर कोई राजनीतिक दल ऐसा नहीं करता है, तो विरोधी दलों के साथ वोटर भी उसे अगाह करते हैं और जवाब मांगते हैं कि पिछले चुनाव में किया वादा क्यों पूरा नहीं किया. ऐसे में जदयू जैसे दल की ओर से घोषणा पत्र जारी करने में की जा रही देरी को अच्छा नहीं माना जा सकता.